रामनगर: चौड़ीकरण को लेकर दर्जनों मकान जमींदोज, व्यापारी करते रहे विरोध, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
बताया जा रहा है कि गुरुवार की कार्यवाही में उन लोगों के निर्माण भी नही बख्शे गए, जिन्होंने हाइकोर्ट से राहत पाई थी। यही नहीं एडीएम प्रशासन मौके पर साफ कहते हुए सुने गए कि सभी लोग मकान दुकान खाली करें। हम कार्यवाही जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि पड़ाव से रामनगर तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इस बाबत दो माह पहले पीएसी तिराहे के आस पास अवैध अतिक्रमण हटाये गए थे। जिसे लेकर व्यवसायियों ने भारी विरोध किया था। हंगामा बढ़ते देख प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही रोक दी थी। एक दो बार प्रयास किया भी विरोध के चलते प्रशासन को बैकफुट पर जाना पड़ गया था। इस बीच 40 लोगों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए थे कि सहमति के आधार पर मुआवजा या क्षतिपूर्ति देने की प्रक्रिया शुरू करें।
बीते माह की 29 दिसंबर से तीन दिन का स्थाई कैम्प लगा कर लोक निर्माण और राजस्व विभाग के लोगों ने 194 लोगों के आवेदन लिए थे। हालांकि सहमति पत्र पर किसी ने भी हस्ताक्षर नही किया था। अभी न मुआवजा तय हुआ न क्षतिपूर्ति निर्धारित हुई कि सरकारी अमला अतिक्रमण ढहाने पहुंच गया। इस दौरान कई थानों की फोर्स, पीएसी की कई कंपनियां और एसडीएम, एडीएम प्रशासन के साथ साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारी थाने पर जुट गए। इधर कार्यवाही की भनक लगते ही बड़ी संख्या में व्यवसायी और प्रभावित लोग भी एकत्र हो गए। सहित्यनाका स्थित सम्प्रेषण गृह के पास जैसे ही बुलडोजर सक्रिय हुआ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे व्यापारी नेता राकेश जायसवाल से अधिकारियों की झड़प हो गई। इधर जब पुलिस प्रशासन ने दवाब बनाना शुरू किया तो विरोध कर रहे अधिकांश लोग हट बढ़ गए। इसके बाद बुलडोजर ने अपना काम शुरू कर दिया। व्यापारी नेता राकेश जायसवाल का कहना है प्रशासन उच्च न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर तानाशाही रवैये से काम कर रहा है। बिना मुआवजा निर्धारित किये ही हमारे निर्माण तोड़े जा रहे है। कोई भी आला अधिकारी हमारी पीड़ा सुन ही नहीं रहा है।
इधर प्रशासन के सख्त रुख से लोगों में हड़कम्प मच गया है। प्रशासन के सख्ती के आगे ग्रामीण नर्वस नजर आए कुछ लोग खुद ही अपने निर्माण तोड़ने लगे। कारवाई के दौरान एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एसीएम द्वितीय अशोक कुमार, नायब तहसीलदार प्रीतम कुमार सिंह, एसीपी कोतवाली अमित कुमार पांडेय समेत पीएसी के बड़ी संख्या में जवान भी मौजूद रहे।
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