गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है फुलवरिया की रामलीला, रामायण का पाठ करते हैं मुस्लिम भक्त, लीला में निभाते हैं सक्रिय भूमिका
समिति के संस्थापक डॉ. एस.के. गुप्ता और वर्तमान अध्यक्ष हेमंत कुमार सिंह के साथ उपाध्यक्ष सचाऊ यादव, रामाश्रय पाल, सुनील कन्नौजिया और महामंत्री विजय प्रसाद गौड़ के नेतृत्व में रामलीला मंचन के जरिए युवा और किशोर प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही, प्रतिभावान बच्चों और युवाओं को सम्मानित करने के लिए विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
इस रामलीला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके संस्थापक अध्यक्ष, स्व. निजामुद्दीन, अपने जीवन काल तक निर्विवाद रूप से अध्यक्ष रहे। आज भी उनका परिवार और अन्य सदस्य, जैसे आशिक अली (श्रृंगारकर्ता), रामलीला समिति में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। सभी पात्र, वाद्य कलाकार, नृत्य कलाकार और अन्य कार्यकर्ता स्थानीय होते हैं, जो समिति की आत्मनिर्भरता और आपसी सहयोग को दर्शाता है।
रामलीला के प्रमुख आयोजक राजेन्द्र पटेल और मेला प्रभारी पिन्टू यादव के साथ व्यवस्थापक राजकुमार भारद्वाज और सत्येन्द्र सिंह, विशेष सहायक सरन मौर्य, डॉ. नगीना, नन्दलाल पटेल, सनन्दन वर्मा, सचिव संदीप मौर्य, नीरज वर्मा और मनोज पाल जैसे कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से यह आयोजन सफलता से सम्पन्न होता है। गुलाब मौर्य और शशिकान्त सिंह का भी विशेष योगदान सराहनीय है।
राम बारात में उमड़ती है भीड़
रामलीला का विशेष आकर्षण राम बारात है, जो इमिलिया घाट से एक भव्य शोभायात्रा के रूप में निकाली जाती है। भरत मिलाप की भव्यता का आयोजन सदानंद कुशवाहा के निवास, मानसनगर से किया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
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