काशी में रामकथा, श्रीमद्भागवत और 18 पुराणों का समागम, शास्त्रार्थ व संगीत समारोह का आयोजन
वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में आराधना दिवस के उपलक्ष्य में चार कथाओं शिव पुराण, श्रीमद्भागवत कथा,रामकथा और देवी पुराण सहित पहली बार काशी में 18 पुराणों का विशेष समागम होगा। भूमा अध्यात्म पीठ की ओर से केदार घाट स्थित पीठ की ओर से समष्टि भंडारा, शास्त्रार्थ एवं संगीत समारोह का आयोजन किया जाएगा। 8 दिसंबर को भूमा घाट पर 25 फुट ऊंचे अमृत कलश पर नटराज विग्रह की स्थापना की जाएगी। इसके उद्घाटन समारोह में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शामिल होंगे। इस आयोजन में काशी सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं शामिल होंगे।
शंकर शंकराचार्य स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने बताय़ा कि 55 करोड़ जनता गंगा जी के पास रहती है। गंगा को स्वच्छ रखना चाहिए, क्योंकि गंगा गंदी हुईं तो कोविड से भी गंभीर बिमारी फैल जाएगी। उन्होंने बताया कि गंगा घाट पर अष्टधातु का 25 फुट ऊंचा अमृत कलश पर नटराज विग्रह स्थापित किया जाएगा और पहली बार एक छत के नीचे 18 पुराणों का समागम किया जाएगा।
गंगा में प्रयागराज से काशी तक चलेगी जल एम्बुलेंस
शंकर शंकराचार्य स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने बताया कि वाराणसी में 2024 के अंत तक जल एम्बुलेंस चलाई जाएगी। यह एंबुलेंस प्रयागराज से वाराणसी तक चलेगी। एम्बुलेंस को साढ़े तीन करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस जल एम्बुलेंस की खासियत होगी कि इसमें पांच आईसीयू और 5 वार्ड बनाने का व्यवस्था की जा रही हैं और इस जल एंबुलेंस के साथ तीन पायलट एम्बुलेंस भी चलेंगे। उन्होंने बताया कि इस एम्बुलेंस को चलाने का उद्देश्य है कि जो लोग दुर्गम स्थानों पर रहते हैं, उनके करीब जल एंबुलेंस के माध्यम से पहुंचकर उनका इलाज किया जा सके।
ये हैं प्रमुख आयोजन
• 18 पुराणों का समागम एवं दिव्य 4 कथाओं का आयोजन
• भारत के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा कत्थक एवं शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम
• देश के चारों ओर के प्रसिद्ध विद्वानों एवं विद्यार्थियों का समागम
• वर्तमान समय में अराजकता, साम्प्रदायिकता, भूगोलिक परिस्थिति, राष्ट्र चिंतन सहित अन्य संवेदनशील पर शास्त्रार्थ
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