मां गंगा को समर्पित किया रक्षा सूत्र, संरक्षण का लिया संकल्प, सावन के अंतिम सोमवार को गंगा तट की हुई सफाई
वाराणसी। श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन के पावन अवसर पर नमामि गंगे की ओर से दशाश्वमेध घाट पर स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मां गंगा को रक्षासूत्र समर्पित किया गया। वहीं गंगा के संरक्षण का संकल्प लिया। इस दौरान नमामि गंगे सदस्यों के साथ ही श्रद्धालुओं ने भी गंगा घाट की सफाई की। वहीं पालिथिन का बहिष्कार करते हुए लोगों में कपड़े के थैले वितरित किए गए।
शुभ भावनाओं व शुभ संकल्पों के साथ नमामि गंगे ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर फूलों से गुथा वैदिक रक्षासूत्र पतित पावनी मां गंगा को समर्पित कर सदानीरा की रक्षा का संकल्प लिया। भगवान शिव का पूजन कर भारतीय संस्कृति की रक्षा का आह्वान किया गया। नमामि गंगे सदस्यों संग श्रद्धालुओं ने भी पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। प्रकृति की रक्षा के आह्वान के बीच नमामि गंगे के स्वयंसेवकों के साथ श्रद्धालुओं ने भी गंगा तट की सफाई की। पर्यावरण के लिए हानिकारक पॉलीथिन का उपयोग न करने का संदेश देकर नमामि गंगे की ओर से गंगा तट पर मौजूद श्रद्धालुओं को कपड़े के झोले बांटे गए।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से हम सब की रक्षा संभव है। इस त्योहार का महत्व बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधना ही नहीं है, बल्कि इसे ऐतिहासिक स्वरूप में समझते हुए देश, समाज, पर्यावरण, संस्कृति, सभ्यता, गोमाता व गंगा माता के संरक्षण के संकल्प के त्योहार के रूप में भी मनाया जाना चाहिए। इस दौरान नमामि गंगे के रमन शास्त्री, घनश्याम प्रसाद, आदित्य जायसवाल व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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