रेलवे बोर्ड के सदस्य सतीश कुमार ने बरेका का किया निरीक्षण, रेल इंजन उत्पादन प्रणाली व न्यू लोको प्रोजेक्ट देखा, दिए निर्देश
वाराणसी। सदस्य कर्षण एवं रोलिंग स्टॉक, रेलवे बोर्ड सतीश कुमार ने बनारस रेल इंजन कारखाना का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रमुख कार्यकारी निदेशक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, रोलिंग स्टॉक मोहित चंद्रा भी रहे। बरेका प्रथम आगमन पर महाप्रबंधक वासुदेव पांडा ने पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद उन्होंने लोको फ्रेम शॉप, लोको असेम्बली शॉप, लोको टेस्ट शॉप, निर्माणाधीन न्यू लोको प्रोजेक्ट साइट एवं न्यूक ब्लॉक शॉप का गहन निरीक्षण किया। कर्मशाला में विद्युत रेल इंजन की उत्पादन गतिविधियों, निर्माण सुविधाओं, बरेका में चल रही परियोजनाओं के साथ ही उत्पादन प्रक्रिया, अन्य तकनीकी विषयों एवं निर्माणाधीन न्यू, लोको प्रोजेक्ट् साइट के बारे में विस्तावरपुर्वक जानकारी ली। वहीं आवश्यक निर्देश दिए।
कर्मशाला भ्रमण के उपरांत बरेका कीर्ति कक्ष में बरेका महाप्रबंधक एवं समस्त प्रमुख विभागाध्यक्षगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रगति समीक्षा बैठक की। इसमें रेल इंजन निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एसके श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बरेका के स्थापना काल से लेकर अब तक की उपलब्धियों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। बैठक में उत्पादन गतिविधियों के साथ ही बरेका के अन्य कार्यों एवं विभिन्न चल रही परियोजनाओं के साथ भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। श्री कुमार ने बरेका द्वारा अपने लोको उत्पारदन के उच्चतम लक्ष्य की ओर अग्रसर होने पर प्रसन्न्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बरेका अपने दूरदर्शी सोच के कारण ही उच्च लक्ष्य् एवं गुणवत्ता युक्त लोको उत्पादन करने में सफल रहा है। उन्होंने अधिक गुणवत्ता युक्त लोको उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण अनुकुलन हेतु “रेन वाटर हार्वेस्टिंग” के लिए पूर्ण योजना बनाने, शोक-पीट की संख्या बढ़ाने, सभी पीट को ड्रेनेज से कनेक्ट करने, “क्वालिटी मैनेजमेंट” एवं “इनर्जी कन्जम्पशन” हेतु एक्शन प्लान तैयार करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि लोको शेड से आने वाली समस्या के लिए लगातार शेड जाकर नियमित निगरानी करें। बरेका अपने अंतिम लोको ट्रायल के समय ही सूक्ष्मता के साथ विधिवत जांच कर लें, ताकि लोको फेल होने की संभावना न के बराबर रहे। सुधार की संभावना सदैव बनी रहती है, इसलिए छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। मार्केटिंग विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राहकों से लगातार फीडबैक लेते रहें, उनकी तकनीकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करते रहें। भंडार विभाग लोको सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु लगातार प्रयासरत रहे। मध्याह्न के पश्चात डीजल एवं विद्युत लोकोमोटिव में उत्पादन गतिविधियों से संबंधित मैराथन बैठक चली। धरातल पर लोको उत्पादन में आ रही समस्याओं का एक-एक कर जानकारी प्राप्त करते हुए निराकरण से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया। उत्पादन से संबंधित चरणबद्ध तरीके से वर्ष-वार किए गए कार्यों के साथ ही विभागीय बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों की समीक्षा की। रेल इंजन में लगने वाले कल-पुर्जे या कोई उपकरण अगर खराब आते है तो उन पर क्या कारवाई एवं रिप्लेसमेंट के साथ सुधार की जाती को विस्तारपूर्वक जाना।
इम्प्लिमेन्टेशन ऑफ टोटल क्वालिटी मैनेजमेन्ट (टी.क्यू.एम.) के बारे में उल्लेख करते हुए उन्होनें अपने कार्यों को सीस्टमैटिक तरीके से करने के निर्देश के साथ ही डिजाइन में खासा ध्यान रखने पर जोर दिया। अंत में उन्होंने यह कहा की बरेका बहुत ही चरणबद्ध तरीके से उत्कृष्टता से अपने रेल इंजन का उत्पादक गुणवत्ता के साथ कर रहा है बस थोड़े रिफाइन्मेन्ट के साथ सबसे परफेक्ट होने की आवश्यकता है। अंत में महाप्रबंधक ने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी बनारस रेल इंजन कारखाना रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए लक्ष्य को उच्च गुणवत्ता के साथ प्राप्त करेगा। सुनिश्चित किया कि बरेका नित नई बुलंदियों की ओर अग्रसर रहेगा। बैठक का संचालन मुख्य अभिकल्प इंजीनियर, विद्युत लोको अनिल कुमार जैन ने किया।
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