वाराणसी में औद्योगिक इकाइयों पर छापेमारी, 5 इकाइयों की हुई जांच, मची खलबली 

नले
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वाराणसी। कृषि विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर जिले में अनुदानित यूरिया के औद्योगिक दुरुपयोग की रोकथाम के लिए एक सघन छापेमारी अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी के आदेशानुसार गठित संयुक्त टीमों ने यह कार्रवाई उर्वरक निरीक्षक एवं उद्योग विभाग के अधिकारियों की देखरेख में की। इस दौरान पांच औद्योगिक इकाइयों की जांच की गई। इससे खलबली मची रही। 
 


इस अभियान में तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था। टीम-1 में उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक रोहित कुमार सिंह एवं उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त संजीव कुमार को तहसील पिंडरा की जिम्मेदारी दी गई। टीम-2 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह और उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक ध्रुव सिंह ने तहसील सदर क्षेत्र का निरीक्षण किया। वहीं, टीम-3 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश विश्वकर्मा एवं उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक श्रीपाल को तहसील राजातालाब में निरीक्षण सौंपा गया।

संयुक्त टीमों ने कुल 5 औद्योगिक इकाइयों और उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया, जिसमें कहीं भी अनुदानित यूरिया का अवैध प्रयोग नहीं पाया गया। हालांकि, सभी औद्योगिक इकाइयों के प्रोपराइटरों को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि किसी भी उत्पादन प्रक्रिया में अनुदानित यूरिया का उपयोग न किया जाए। यदि भविष्य में निरीक्षण के दौरान अनुदानित यूरिया का दुरुपयोग पाया गया, तो उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि उर्वरकों की जनपद में कोई कमी नहीं है और सभी क्षेत्रों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि यह समय धान की नर्सरी डालने के लिए अत्यंत उपयुक्त है। राजकीय कृषि बीज भंडारों पर सहभागिता योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली सूखा प्रतिरोधी धान प्रजाति उपलब्ध है, जिसकी प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 40–45 कुंतल है और यह मात्र 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

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