स्त्री रोगों के दूरबीन ऑपरेशन से क्रांतिकारी बदलाव, आसान हुआ उपचार, आईएजीई का राष्ट्रीय सम्मेलन 

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वाराणसी। इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) तथा वाराणसी आब्स एन्ड गायनी सोसायटी (वीओजीएस) के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार से होटल ताज गंगेज के दरबार हाल में स्त्री रोग विशेषज्ञों के तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इसमें चर्चा का मुख्य बिंदु 'स्त्री रोगों का दूरबीन से ऑपरेशन एवं उपचार' पर केंद्रित है। विशेषज्ञों ने बताया कि स्त्री रोगों के दूरबीन से ऑपरेशन होंने से क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। इसमें दर्द कम होता है और जल्द रिकवरी होती है।

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आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ नीलम ओहरी ने बताया कि इस सम्मेलन में देश के प्रमुख स्त्री रोग चिकित्सक भागीदारी कर रहे हैं। साथ ही विदेश के प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ भी सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन का शुभारंभ स्त्री रोगी का दूरबीन से ऑपरेशन से शुरू हुआ। इस दौरान सुबह 8 बजे सिगरा स्थित न्यू लाइफ हॉस्पिटल में स्त्री रोगी का दूरबीन से ऑपरेशन का सजीव प्रसारण किया गया। इसे आयोजन स्थल होटल ताज गंगेज में भी दिखाया गया।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न विषयों पर कई कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इसमें देश-विदेश से आई स्त्री रोग विशेषज्ञ अपना अनुभव साझा किए और कुछ टिप्स भी दिए। प्रमुख कार्यशाला इंडोस्कोपिक सर्जरी पर आधारित रही। इसके अलावा बांझपन, अल्ट्रासाउंड, एम्ब्रियोलोजी तथा व्यक्तिगत हस्त प्रशिक्षण पर आधारित कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। राष्ट्रीय संयोजक डॉ अतुल गनात्रा और राज्य समन्वयक डॉ श्रीकांत ओहरी के मार्गदर्शन में दूरबीन से ऑपरेशन कार्यशाला सुबह 8 से शाम 5 बजे तक चली। इसमें राष्ट्रीय स्तर की प्रख्यात स्त्री रोग इंडोस्कोपिक सर्जन डॉ दीपक लिम्बाचिया, डॉ कल्याण बारमेड, डॉ कुरियन जोसेफ, डॉ पण्डित पालस्कर, डॉ प्रशांत मंगेसिकर, डॉ बी रमेश, डॉ राजेश मोदी, डॉ सुधा टंडन, डॉ सुजल मुंशी एवं द विद्या भट की भागीदारी रही।

भ्रूण विज्ञान कार्यशाला राष्ट्रीय संयोजक डॉ सतीश अडिगा के नेतृत्व में आयोजित हुई। वर्कशॉप में भ्रूण विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बांझपन कार्यशाला राष्ट्रीय संयोजक डॉ नीलम ओहरी और राज्य समन्वयक डॉ अनु अग्रवाल एवं डॉ लतिका अग्रवाल के नेतृत्व में सम्पन्न हुई। बांझपन के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श हुआ। डॉ सीमा पांडे और डॉ लतिका अग्रवाल की अध्यक्षता में विशेषज्ञों ने फर्टिलिटी साइकिल में चुनौतियों को दूर करने के लिए उपायों पर चर्चा की। आईवीएफ और कॉस्मेटिक गाइनिकोलॉजी कार्यशाला में हाथों से अभ्यास कराया गया। आईवीएफ प्रक्रियाओं के लिए हाथों से अभ्यास करने और कॉस्मेटिक गायनिकोलॉजी के बारे में बताया गया। कार्यशालाओं का संचालन डॉ सुधा सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 16 मार्च को शाम 7.30 बजे फॉगसी के अध्यक्ष डॉ जयदीप टांक करेंगे। उद्घाटन के पूर्व दिन में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन समिति के सचिव डॉ लविना चौबे और डॉ श्रीकांत ओहरी हैं।

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