पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने प्रशिक्षणाधीन महिला आरक्षियों से किया संवाद, कहा “आप ही भविष्य की मजबूत और संवेदनशील पुलिसिंग का चेहरा हैं”

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वाराणसी। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को रिज़र्व पुलिस लाइन का निरीक्षण करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिला आरक्षियों से संवाद किया। उन्होंने उनके प्रशिक्षण की प्रगति, शारीरिक दक्षता, ड्रिल, कानून व्यवस्था से संबंधित कौशल और विभिन्न मामलों में उनकी व्यावहारिक जानकारी की विस्तृत समीक्षा की।

इस दौरान पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रशिक्षु महिला आरक्षी भविष्य की संवेदनशील, सक्षम और मजबूत पुलिसिंग का चेहरा होंगी। श्रेष्ठ प्रशिक्षण, अनुशासन और मानवीय व्यवहार के साथ वे जनता की सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की असली शक्ति बन सकती हैं।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि जनता पुलिस को आदर्श मानती है, इसलिए हर पुलिसकर्मी को अपने व्यवहार, भाषा और कार्यशैली से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए जिससे पुलिस पर लोगों का भरोसा और मजबूत हो।
उन्होंने गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग के प्रति हमेशा संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर बल दिया।

आज के समय में तकनीकी ज्ञान अनिवार्य

मोहित अग्रवाल ने कहा कि आधुनिक पुलिसिंग में तकनीक की बड़ी भूमिका है। इसलिए प्रशिक्षुओं को कंप्यूटर संचालन, साइबर क्राइम, डिजिटल साक्ष्यों की पहचान और विश्लेषण जैसे विषयों में दक्ष होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि तकनीक आधारित प्रशिक्षण को गंभीरता से सीखें, क्योंकि भविष्य की चुनौतियाँ तकनीक से ही मुकाबला चाहती हैं।

कठोर प्रशिक्षण से आती है आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती

पुलिस आयुक्त ने बताया कि नियमित और अनुशासित प्रशिक्षण से शारीरिक क्षमता के साथ-साथ आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती भी विकसित होती है। ये गुण प्रभावी पुलिसिंग के लिए अनिवार्य हैं।

कानून, अपराध और जांच से जुड़े विषयों पर चर्चा

प्रशिक्षुओं से बातचीत के दौरान

हत्या, मानव वध और सड़क दुर्घटना से संबंधित धाराओं,

बीएनएस एवं बीएनएसएस प्रावधानों,

निरोधात्मक कार्यवाही और पाबंदी की धाराओं
के बारे में सवाल पूछे गए और विस्तार से जानकारी दी गई।

साथ ही उन्हें सलाह दी गई कि प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारी को केवल रटें नहीं, बल्कि गहराई से समझें।

प्रशिक्षण के विविध विषयों पर विस्तृत जानकारी

प्रशिक्षुओं को निम्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है:

कानून और प्रक्रिया

अपराध की जांच कैसे होती है

आत्मरक्षा तकनीक

जनता से संवाद और व्यवहार

अपराध रोकने के तरीके

साइबर अपराध से बचाव (जैसे डिजिटल अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड)

पुलिस आयुक्त ने प्रशिक्षुओं से उनके अनुभव, प्रशिक्षण में आने वाली समस्याओं और जरूरतों के बारे में भी पूछा और सुझाव सुने। उन्होंने हॉस्टल, भोजन और सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।

महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

आर.टी.सी. अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि महिला आरक्षियों को वाराणसी के इतिहास, संस्कृति और महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी भी दी जाए और उन्हें शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाए।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस की पहचान संवेदनशीलता, त्वरित कार्रवाई और प्रोफेशनल दक्षता में होती है, इसलिए हर प्रशिक्षु को जनता के साथ व्यवहार में धैर्य और शिष्टाचार अपनाना चाहिए।

CCTV विश्लेषण, डिजिटल साक्ष्य संरक्षण, साइबर फ्रॉड की पहचान और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को प्रशिक्षण का अनिवार्य हिस्सा बनाने पर जोर दिया गया।

फिटनेस, आत्मसंयम, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क बढ़ाने के लिए भी प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया गया।


इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त लाइन श्रीमती नीतू, अपर पुलिस उपायुक्त श्री वैभव बांगर, सहायक पुलिस आयुक्त श्री ईशान सोनी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। यह संवाद और समीक्षा महिला आरक्षियों के प्रशिक्षण को और अधिक प्रभावी, संवेदनशील और प्रोफेशनल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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