पीएमश्री सरकारी स्कूल के बच्चों ने बीएचयू की ज्ञान लैब का किया अवलोकन, वैज्ञानिक सोच, जीन और वंश पर विशेष सत्र का हुआ आयोजन 

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वाराणसी। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को आधुनिक वैज्ञानिक शोध और उच्च शिक्षा की दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से पीएम श्री सरकारी स्कूल जखने के छात्रों को मंगलवार को एक विशेष शैक्षिक भ्रमण पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित ज्ञान लैब ले जाया गया। यह दिन छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरक और ज्ञानवर्धक साबित हुआ, जहाँ उन्होंने न केवल आधुनिक प्रयोगशालाओं को देखा, बल्कि विज्ञान और शोध के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को करीब से समझा।

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ज्ञान लैब में आयोजित हुआ विशेष एकेडमिक सत्र
भ्रमण के दौरान छात्रों के लिए एक विस्तृत अकादमिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें वैज्ञानिक प्रक्रियाओं, जैविक संरचनाओं, प्रयोगशाला उपकरणों की जानकारी दी गई। छात्रों को मॉडल्स, प्रेज़ेंटेशन्स और वास्तविक शोध गतिविधियों को नज़दीक से देखने का अवसर मिला। इससे उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा बढ़ी और नई तकनीकों को समझने में आसानी हुई।

जीन और वंश परंपरा पर विशेष परिचर्चा
कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी थी जीन और वंशानुक्रम पर आधारित परिचर्चा, जिसमें विशेषज्ञों ने समझाया कि जीन कैसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी गुणों का संचरण करते हैं, डीएनए किस प्रकार जीवों की पहचान, विकास और विशेषताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छात्रों ने कई रोचक प्रश्न पूछे, जिनका शोधकर्ताओं ने सरल भाषा में उत्तर दिया। इससे बच्चों की समझ और गहरी हुई। 

प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे का विशेष सत्र—मानव इतिहास और आनुवंशिकी की कहानी
बीएचयू के प्रख्यात आनुवंशिकी विशेषज्ञ प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने प्रोजेक्टर के माध्यम से सिन्धी समाज के विकास, भारत में जातिगत संरचना और इतिहास के दौरान समुदायों के मिश्रण पर आधारित अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि समय के साथ भारत में सामाजिक और आनुवंशिक संरचना कैसे बदली, 
विभिन्न जातीय समूहों के संपर्क और मिश्रण ने भारतीय जनसंख्या के विकास को कैसे प्रभावित किया, विज्ञान इन ऐतिहासिक परिवर्तनों को किस प्रकार प्रमाणित और विश्लेषित करता है।  इस सत्र ने छात्रों में इतिहास और विज्ञान के नए दृष्टिकोण खोले। 

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छात्रों में बढ़ा आत्मविश्वास, वैज्ञानिक सोच को मिला नया आयाम
कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “यह हमारे जीवन की सबसे ज्ञानपूर्ण और प्रेरणादायक यात्राओं में से एक थी।” वे आधुनिक शोध प्रयोगशालाओं को देखकर उत्साहित हुए और कई छात्रों ने कहा कि अब वे विज्ञान में आगे पढ़ाई करने के लिए प्रेरित महसूस कर रहे हैं।

शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य हुआ सफल
भ्रमण का मूल उद्देश्य ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा के आधुनिक संसाधनों से परिचित कराना, उनकी वैज्ञानिक सोच विकसित करना और उन्हें बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित करना काफी हद तक सफल दिखाई दिया। बीएचयू का यह शैक्षिक दौरा छात्रों के लिए विज्ञान, शोध और भविष्य की संभावनाओं की दुनिया का द्वार खोलने वाला साबित हुआ।

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