पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से स्रोत एवं मौलिक सिद्धांत विषयक 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
वाराणसी। गुरुवार 17 अगस्त 2023 को पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी द्वारा श्रमण परंपरा के स्रोत एवं मौलिक सिद्धांत विषयक एक 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात कलाविद प्रोफेसर मारुति नंदन प्रसाद तिवारी, मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी जनजाति केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सी. डी. सिंह, सारस्वत अतिथि प्रख्यात समाजसेवी धनपतराज भंसाली तथा विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति संजय गुप्ता रहे।

कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण से हुआ। अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉक्टर प्रकाश पांडे ने किया। कार्यशाला के आयोजन की आवश्यकता पर डॉक्टर ओमप्रकाश सिंह ने प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि संजय गुप्ता ने श्रवण परंपरा का परिचय देते हुए पार्श्वनाथ विद्यापीठ को इस कार्यशाला की आयोजन के लिए बधाई दिया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर सीडी सिंह ने श्रमण परंपरा के मुख्य बिंदुओं को स्पर्श करते हुए जैन और बौद्ध दोनों दर्शनों के सिद्धांतों को वर्तमान संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मारुति नंदन प्रसाद तिवारी ने श्रवण परंपरा के प्राचीनता का ससंदर्भ उल्लेख किया। साथ ही बताया कि जैन और बौद्ध कला साहित्य में हमें समरसता और समावेशी स्वरूप के झलक मिलती है। दोनों परंपराओं के केंद्र में सव्जन हिताय सव्जन सुखाय, की अवधारणा दिखाई देती है। इस कार्यशाला में 15 दिन तक दोनों परंपराओं के विभिन्न आयामों को उद्घाटित किया जाएगा। जिस पर कुल 40 प्रतिभागी विचार विमर्श करेंगे। इस कार्यशाला में बाहरी और स्थानीय 24 विद्वान अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के संयोजक डॉक्टर ओमप्रकाश सिंह ने किया ।
भोजनों प्रांत 2 बजे से कार्यशाला का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ। जिसमें दर्शन एवं धर्म विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर प्रकाश पांडे ने भारतीय दर्शन में श्रवण परंपरा के स्थान एवं महत्व, पर अपना सारगर्वित व्याख्यान प्रस्तुत किया। दूसरा तथा तीसरा व्याख्यान प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सीताराम दुबे ने श्रमण परंपरा का स्वरूप चिंतन तथा महावीर कालीन इतिहास पर दिया। प्रोफेसर दुबे ने दोनों परंपराओं के इतिहास को प्रस्तुत करते हुए उनके अनेक पक्षों को उद्घाटित किया।

