ऑपरेशन सिंदूर : भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और सैन्य पराक्रम का प्रतीक, बीएचयू में वक्ताओं ने सेना के शौर्य को सराहा
वाराणसी। भारत आज वैश्विक मंच पर अपनी सामरिक शक्ति, आत्मनिर्भरता और रणनीतिक नेतृत्व के बल पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरा है। इसी क्रम में बीएचयू के केएन उडुप्पा सभागार में "India Changes the Game of Engagement" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता बीएचयू के संयुक्त कुलसचिव डॉ. मयंक नारायण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया।
डॉ. सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि यह भारत की वैश्विक भूमिका में हुए परिवर्तन का प्रतीक है। यह मिशन भारत के ‘मेड इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ अभियानों की सफलता का सजीव उदाहरण है। उन्होंने पाकिस्तान की स्थापना से लेकर अब तक के सैन्य संघर्षों का विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए भारतीय सेना की वीरता, पराक्रम और कूटनीतिक दक्षता की विस्तार से चर्चा की। कारगिल, बांग्लादेश युद्ध और हाल के सैन्य अभियानों में भारत की नीतिगत स्पष्टता और वैश्विक दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया।

डॉ. सिंह ने आतंकवाद के वैश्विक स्वरूप और उसके संरक्षकों पर भी तीखा प्रहार करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के केंद्रों को हिला दिया है और अब भारत की नेतृत्व में विश्व आतंक के खिलाफ एकजुट हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत का एकजुट और मजबूत नेतृत्व ही इस मिशन की सफलता का आधार रहा है।
कार्यक्रम का संयोजन एवं स्वागत भाषण छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने किया। व्याख्यान के उपरांत बीएचयू स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर में दीप प्रज्वलन कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर के व्यवस्थापक प्रो. विनय कुमार पांडे, डॉ. सुभाष पांडे, प्रो. निसत अफरोज, डॉ. स्वप्ना मीणा सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, छात्र और कर्मचारी उपस्थित रहे। संध्या आरती को भारतीय सेना के अप्रतिम शौर्य को समर्पित किया गया।

