आमरण अनशन के दूसरे दिन चीफ़ प्राक्टर ने धरनारत शोध छात्रों से की वार्ता

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वाराणसी। नान-नेट फेलोशिप 8000 से बढ़ाकर 25000 किए जाने की मांग को लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र 36 दिन से विश्वविद्यालय केंद्रीय कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। बीएचयू प्रबंधन की ढुलमुल रवैया से परेशान होकर धरनारत शोध छात्रों ने सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। शोध छात्र कैलाश वर्मा सोमवार से ही आवरण अनशन पर हैं, वहीं मंगलवार को शोध छात्र वृंदा राजपूत व नीरज तिवारी भी आवरण अनशन पर बैठ गए।

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शोध छात्रों के आमरण अनशन पर बैठने की सूचना से हरकत में आए विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से वार्ता के लिए चीफ़ प्राक्टर को आगे करते हुए समस्या का हल निकालने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। मंगलवार दोपहर बीएचयू चीफ़ प्राक्टर शिव प्रताप सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर शोध छात्रों से वार्ता किया और उनसे उनके मांग पत्र प्रस्ताव को सौंपने की बात कही। चीफ़ प्राक्टर ने धरनारत शोध छात्रों की फेलोशिप बढ़ाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि आपकी मांग सही है, मैं व्यक्तिगत रूप से इसका समर्थन करता हूं और पूरा प्रयास करूंगा कि आपके मांगों के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन सू बीच का रास्ता निकालकर समस्या निस्तारण का भरसक प्रयास होगा।

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शोध छात्र कैलाश वर्मा, मनमोहन तिवारी, अभिषेक सिंह, योगेश यादव, सत्यवीर सिंह, नीरज तिवारी, वृंदा राजपूत आदि ने नॉन नेट फैलोशिप बढ़ाए जाने की मांग को विश्व विद्यालय प्रशासन की तरफ से वार्ता के लिए आए चीफ प्रॉक्टर के समक्ष रखी। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लगभग एक माह का समय देते हुए चेताया कि यदि एक माह के अंदर हमारी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम पुनः अनिश्चितकालीन आंध्र अनशन करेंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

बता दें कि वहीं सोमवार शाम को धरनारत शोध छात्रों से केंद्रीय कार्यालय मुख्य प्रवेश द्वार से 15 मिनट के अंदर हटने की बात कहकर विश्वविद्यालय प्राक्टोरियल सुरक्षा कर्मियों ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे छात्रों से बदसलूकी करना शुरू कर दिया। अनावश्यक रूप से बल का प्रयोग करते हुए प्रॉक्टोरियल ने छात्रों के साथ मारपीट भी किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। धरनारत शोध छात्रों ने चीफ़ प्रॉक्टर शिव प्रताप सिंह से प्राक्टोरियल सुरक्षा कर्मियों द्वारा किए गए बदसलूकी पर उचित जांच कर कार्रवाई की मांग की।

बीएचयू अस्सिटेंट सिक्योरिटी ऑफिसर हसन अब्बास जैदी ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे, शोध छात्रों से प्राक्टोरियल सुरक्षा कर्मियों द्वारा बदसलूकी करने के बीच कहा कि धरना खत्म करो बीएचयू तुम्हारे बाप की नहीं है। विश्वविद्यालय अस्सिटेंट सिक्योरिटी ऑफिसर के बिगड़े बोल से नाराज सैकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय केंद्रीय कार्यालय के सामने एकत्रित होकर शोध छात्रों के समर्थन में बीएचयू प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए और ऐसे मनबढ़ सिक्योरिटी ऑफीसरों पर लगाम लगाने की मांग की।

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