बीएचयू में नवगठित कार्यकारी परिषद के विरोध में NSUI का जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शन का मुख्य कारण
प्रदर्शन का मुख्य कारण कार्यकारी परिषद में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले RSS-BJP से जुड़े लोगों की नियुक्ति है। इसमें काशी क्षेत्र भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल और वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी जैसे नेताओं को शामिल किया गया है। ये सभी लोग शराब, ज़मीन और प्राइवेट एजुकेशन सिंडिकेट से जुड़े होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि ऐसे सदस्यों की नियुक्ति विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करेगी।
छात्र नेताओं के बयान
एनएसयूआई बीएचयू के अध्यक्ष सुमन आनंद ने कहा, "बीएचयू देश का गौरव है, कोई स्थानीय कॉलेज नहीं। कार्यकारी परिषद में अपराधियों और भ्रष्ट तत्वों को शामिल करना विश्वविद्यालय की गरिमा के खिलाफ है। दिलीप पटेल जैसे नेताओं ने साक्षम पटेल जैसे लोगों को संरक्षण दिया, जो IIT BHU गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी रहा है। हम प्रधानमंत्री मोदी जी से मांग करते हैं कि वे बीएचयू को गिराने की बजाय उसकी प्रतिष्ठा को बनाए रखें।"
अमन ने कहा, "कार्यकारी परिषद में ऐसे लोगों को शामिल करना विश्वविद्यालय के स्वतंत्र और अकादमिक चरित्र पर सीधा हमला है। बीएचयू किसी पार्टी का राजनीतिक अड्डा नहीं, यह ज्ञान और वैचारिक स्वतंत्रता का मंदिर है। हम यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
परिषद की पुरानी और नई संरचना पर टिप्पणी
छात्रों ने यह भी कहा कि पहले बीएचयू की कार्यकारी परिषद में ऐसे सदस्य होते थे जो देश की प्रमुख शिक्षण संस्थाओं से थे और जिनकी शैक्षणिक पहचान थी। वर्तमान में नियुक्त सदस्यों की पृष्ठभूमि न केवल शिक्षा विरोधी है, बल्कि यह विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करने का भी खतरा बन गई है।
छात्रों की मुख्य मांगें
छात्रों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- बीएचयू की कार्यकारी परिषद से वर्तमान राजनीतिक और आपराधिक छवि वाले सदस्यों को तत्काल हटाया जाए।
- परिषद का पुनर्गठन शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले प्रतिष्ठित विद्वानों से किया जाए।
- विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और शैक्षणिक गरिमा को बचाने के लिए सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
NSUI ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

