अब प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन करेगा आईसीडीएस विभाग, गर्भवती और धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार में सुधार लाने का प्रयास

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वाराणसी। गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का संचालन किया जा रहा है। हाल ही में शासन स्तर से प्राप्त दिशा-निर्देश के क्रम में अब महिला कल्याण व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा इस योजना का संचालन किया जाएगा। इससे पहले पीएमएमवीवाई का संचालन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा किया जा रहा था।

आईसीडीएस विभाग, उत्तर प्रदेश की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने वाराणसी समेत सभी जिलों को दिशा-निर्देश किए हैं। आदेश में कहा गया है कि इस योजना का लाभ पात्र महिला को पहले दो जीवित बच्चों के लिए प्रदान किया जाएगा, जिसमें दूसरी संतान बालिका होनी चाहिए। केंद्र, राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के अधीन कार्यरत नियमित रोजगार पाने वाली गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा वे महिलाएं जो किसी भी कानून के अंतर्गत समान प्रकार का लाभ प्राप्त कर रही हैं, वे इस योजना के लिए पात्रता की श्रेणी में नहीं आएंगी।

योजना का उद्देश्य महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व एवं स्वास्थ्य जांच करना है। साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। बीमार मां और बच्चे की सेहत में सुधार लाया जा सके। गर्भावस्था के दौरान मजदूरी न कर पाने के कारण हुई क्षति की पूर्ति के लिए आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान करना, जिससे गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान व बच्चें के प्रसव के पश्चात् पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल मिल सके। यदि दूसरी संतान बालिका है तो उसके लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके कन्या जन्म के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिला को पहले बच्चे के जन्म पर पांच हजार रुपये की धनराशि दो किश्तों क्रमशः 3000 रुपये और 2000 रुपए सीधे बैंक खाते में प्रदान किए जाते हैं। दूसरे बच्चे (बालिका) के जन्म पर एकमुश्त 6000 रुपये की धनराशि सीधे बैंक खाते में भेजे जाएंगे। गर्भपात व मृत जन्म की दशा में लाभार्थी को भविष्य में गर्भावस्था की स्थिति में नए लाभार्थी के रूप में माना जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई लाभार्थी अपनी दूसरी गर्भावस्था में जुड़वा अथवा अधिक बच्चों को जन्म देती है जिसमें एक या अधिक बच्चे बालिका हैं तो उसे मानकों के अनुरूप दूसरी बालिका के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।


जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि शासन स्तर से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। दिशा-निर्देश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मुख्य सेविका और बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं।

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