सरकार के दबाव में कार्यक्रम की अनुमति न देना निंदनीय : अधिवक्ता विकास सिंह
वाराणसी। उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस (पूर्वी जोन) द्वारा रविवार को शास्त्री घाट पर पूर्वाह्न 10 बजे से प्रस्तावित “जनाक्रोश सभा” को जिला प्रशासन द्वारा अनुमति न देने को लेकर युवा कांग्रेस में गहरा आक्रोश देखने को मिला। सभा में “वोट चोर गद्दी छोड़”, “एसआईआर बंद करो”, “बेरोजगारी हटाओ” सहित कई जनसरोकार के मुद्दों को उठाया जाना था। इस कार्यक्रम में भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचने वाले थे।
युवा कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम के लिए अनुमति पत्र प्राप्त होने के बाद भी प्रशासन ने अंतिम समय में अनुमति से इनकार कर दिया। जबकि यह सभा पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होनी थी और सभा के बाद प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन भी सौंपा जाना था। कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता जागरूकता, पानी-बिजली की समस्याएं, मतदाता अधिकार और नागरिक सहभागिता को मजबूत करना था।
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि सरकार जनता की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “हर नागरिक को विरोध दर्ज कराने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार के दबाव में जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की अनुमति न देना पूरी तरह असंवैधानिक और निंदनीय है।”
उन्होंने कहा कि “मतदाता जागरूकता एवं जन-अधिकार मार्च” शास्त्री घाट से पीएमओ कार्यालय तक आयोजित होना था, जिसमें वाराणसी मंडल के युवकर्मियों सहित प्रदेश और राष्ट्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित होते। निर्धारित मार्ग से होकर पीएमओ कार्यालय तक पहुंचकर नागरिक मुद्दों से संबंधित ज्ञापन शांतिपूर्ण ढंग से सौंपा जाना था।
जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने प्रशासनिक रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों पर बोलने से रोकना लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा है। उन्होंने चेतावनी दी कि युवा कांग्रेस इस असंवैधानिक कार्रवाई का कड़ा विरोध करेगी और जनता की आवाज को उठाने के लिए संघर्ष जारी रखेगी।

