तुलसी घाट पर नवसंवत्सर और होली मिलन समारोह, ज्वलंत समस्याओं पर हुई चर्चा 

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वाराणसी। सर्व ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में स्व. प्रो. वीरभद्र मिश्र वाटिका, तुलसी घाट पर एक भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। गंगा तट की पवित्र धरा पर दीप प्रज्वलन और पुष्पों की होली के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसमें ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा हुई। 

इस समारोह में पाणिनी कन्या महाविद्यालय और शास्त्रार्थ महाविद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत कर वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। वागीशा मिश्रा ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। समारोह का केंद्र बिंदु रहा ब्राह्मण समाज की ज्वलंत समस्याओं पर विचार-विमर्श, जिसमें वक्ताओं ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना, जाति आधारित आरक्षण की समीक्षा, समान नागरिक संहिता, मंदिरों के पुजारियों को वेतन, कृषि भूमि का व्यवसायीकरण बंद करने जैसी मांगें उठाईं। पं. कमलाकांत उपाध्याय ने मिर्जापुर का नाम बदलकर विंध्य नगर करने की पुरजोर मांग रखी।

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डा. रविन्द्र शुक्ल (पूर्व मंत्री, उ.प्र.) ने समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि अध्यक्षता पं. कमलाकांत उपाध्याय ने की। प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र, डा. राजेश मिश्र, डा. दयाशंकर मिश्र, डा. नीलकंठ तिवारी और अन्य गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे। संदीप  द्वारा प्रस्तुत शिवतांडव नृत्य और संदीप-प्रज्ञा त्रिपाठी की युगल प्रस्तुति ने सांस्कृतिक रंग भरे। राकेश चौबे और डा. अमलेश शुक्ला ने सुरों की छटा बिखेरी। समारोह में 'जनमानस' वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

अतिथियों को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। ‘काशी रत्न’ से ब्राह्मण समाज के योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें प्रो. पी.के. गोस्वामी, प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे सहित कई विशिष्ट नाम शामिल रहे। मंच संचालन डा. गणेशदत्त शास्त्रीय और डा. राजेश पाठक ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन पं. कृष्णानन्द चौबे ने किया।

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