'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में श्रद्धा-भक्ति संग किया गया नव कन्या व भैरव पूजन, पीठाधीश्वर ने पखारे कन्याओं के पांव

वाराणसी। जनपद में श्रद्धा और आस्था से भरा चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व रविवार को नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ पूर्ण हुआ। नौ दिनों तक देवी के विभिन्न रूपों की उपासना और पूजन के बाद नवमी के दिन देवी माँ को विशेष श्रद्धा के साथ विदाई दी गई। इस अवसर पर कन्याओं को देवी के रूप में पूजने की परंपरा निभाई गई, जिसे ‘नवमी कन्या पूजन’ कहा जाता है।
इसी क्रम में रविंद्रपुरी स्थित प्रसिद्ध अघोरपीठ 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुंड' में भी भव्य रूप से नवमी का आयोजन हुआ। सुबह आश्रम परिसर की सफाई और नियमित पूजा-अर्चना के बाद ‘नवमी कन्या पूजन’ विधिवत शुरू किया गया। पूजन का नेतृत्व पीठाधीश्वर अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी ने किया। उनके मार्गदर्शन में नौ कन्याओं को देवी स्वरूप में और एक बालक को भैरव बाबा के रूप में श्रृंगारित कर पूजा स्थल पर प्रतिष्ठित किया गया।
परंपरा अनुसार, पीठाधीश्वर ने स्वयं सभी बाल कन्याओं और बालक के चरण पखारे और उन्हें सम्मानपूर्वक आसन पर बिठाया। इसके बाद वैदिक विधियों से पूजा कर आरती उतारी गई। सभी कन्याओं और भैरव बाबा को तरह-तरह के व्यंजनों का भोग लगाया गया और पूजा सम्पन्न होने के बाद उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया गया।
इस विशेष आयोजन में आश्रम के वरिष्ठ आचार्य प्रकाश और सदस्या संगीता सिंह ने आयोजन की पूरी व्यवस्था देखी। पूरे पूजन के दौरान ‘जय माँ सर्वेश्वरी’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा। पूजन के उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
गौरतलब है कि क्रीं-कुंड स्थित बाबा कीनाराम स्थल पर हर वर्ष चैत्र नवरात्रि में विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। नवमी के दिन होने वाले कन्या पूजन और भंडारे को देखने और इसमें भाग लेने के लिए देश-विदेश से साधक, संत और श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।