नगर निगम पायलट प्रोजेक्ट: सवा 2 लाख मकानों पर लगने थे QR कोड, दो महीने में लगे केवल 20 हजार पर
नगर निगम ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोर- टू-डोर कूड़ा उठाने की ऑनलाइन निगरानी के लिए निगम ने दो माह में शहर के सभी भवनों पर क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) लगवाने का निर्णय लिया था। इसके लिए वेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महापौर अशोक कुमार तिवारी ने बीते अक्टूबर में इसका शुभारंभ दुर्गाकुंड (गुरुधाम कालोनी) के वार्ड नं 25 से किया था। अब तक सिर्फ भेलूपुर लोन के नबाबगंज वार्ड के भवनों में ही क्यूआर कोड लगाया जा सका है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० एनपी सिंह ने गत दिनों इसकी जानकारी कार्यकारिणी को भी उपलब्ध कराई थी। उन्होंने क्यूआर कोड लगाने की सुस्त गति को देखते हुए कार्यदायी एजेंसी पर जुर्माना लगाने की बात भी कही थी। इसके बाद भी भवनों पर क्यूआर कोड लगाने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।
सभी सर्विस ऑनलाइन होंगे कनेक्ट
निगम QR कोड के साथ भवनों को जीपीएस से भी कनेक्ट कर रहा रहा है। जिस मकान पर एक बार क्यआर कोड लगा दिया जाएगा। उसके बाद यदि गायब हो जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जैसे ही सफाई कर्मी घर में प्रवेश करेगा। कमांड सेंटर में मैसेज आ जाएगा। कमांड सेंटर से कूड़ा उठाने का मैसेज मकान मालिक के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। इसमें गीला व सूखा कचड़ा अलग-अलग देने की अपील भी शामिल रहेगी। शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1533/18004199601 या स्मार्ट काशी एप का उल्लेख रहेगा।
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