BHU के एमएमवी ने बुनियादी जीवन कौशल कार्यशाला सह व्यावहारिक प्रशिक्षण पर एक कार्यशाला का किया आयोजन
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महिला महाविद्यालय (एमएमवी) में 2 दिसंबर को बुनियादी जीवन कौशल पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन स्टूडेंट वेल-बीइंग इनिशिएटिव, एमएमवी, बीएचयू द्वारा एनेस्थिसियोलॉजी विभाग और जनरल सर्जरी विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस), बीएचयू के सहयोग से किया गया था।
कार्यशाला का उद्देश्य एमएमवी की छात्राओं को आपातकालीन स्थितियों में कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और अन्य जीवन रक्षक तकनीकों के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना था। कार्यशाला ने ऐसे परिदृश्यों से निपटने में उनकी जागरूकता और आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयास किया।
कार्यशाला का संचालन पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मंजरी मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, पाठ्यक्रम संकाय डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, जनरल सर्जरी विभाग और डॉ. बिक्रम गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, आईएमएस बीएचयू द्वारा किया गया।
कार्यशाला में दो सत्र शामिल थे: एक सैद्धांतिक सत्र और एक व्यावहारिक सत्र। सैद्धांतिक सत्र में बुनियादी जीवन समर्थन की बुनियादी अवधारणाओं और सिद्धांतों को शामिल किया गया, जैसे कि जीवित रहने की श्रृंखला, एबीसीडीई दृष्टिकोण, पुनर्प्राप्ति स्थिति और स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (एईडी) का उपयोग। व्यावहारिक सत्र में मैनिकिन का उपयोग करके सीपीआर पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ वायुमार्ग प्रबंधन, रक्तस्राव नियंत्रण और फ्रैक्चर प्रबंधन जैसी अन्य जीवन-रक्षक तकनीकों का प्रदर्शन और अभ्यास शामिल था।
कार्यशाला में 40 छात्राओं ने भाग लिया, जिनका चयन गूगल फॉर्म और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया गया। छात्राओं ने बुनियादी जीवन कौशल सीखने और अभ्यास करने में गहरी रुचि और उत्साह दिखाया। उन्होंने पाठ्यक्रम निदेशक और पाठ्यक्रम संकाय के साथ भी बातचीत की और प्रासंगिक प्रश्न और संदेह पूछे।
कार्यशाला की छात्राओं ने काफी सराहना की और आयोजकों एवं प्रशिक्षकों के प्रति आभार एवं संतुष्टि व्यक्त की। प्रोफेसर रीता सिंह, प्रिंसिपल, एमएमवी ने इस कार्यशाला के संचालन की सराहना की और छात्राओं की भलाई के लिए बुनियादी जीवन कौशल के महत्व और प्रासंगिकता को स्वीकार किया।
कार्यशाला एक सफल और उपयोगी आयोजन था जिसने अपने उद्देश्यों और अपेक्षाओं को पूरा किया। कार्यशाला ने छात्राओं के लिए ऐसी और अधिक कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में एमएमवी और आईएमएस के बीच भविष्य में सहयोग और सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त किया।
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