काशी तमिल संगम 4.0 के तहत शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने किया IIT (BHU) का दौरा
वाराणसी। काशी तमिल संगम (KTS) 4.0 के अंतर्गत भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल प्रतिष्ठित IIT (BHU) वाराणसी के दौरे पर पहुँचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री नितीश सूरी, निदेशक (IITs), ने किया। उनके साथ मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
संस्थान में हुआ औपचारिक स्वागत
IIT (BHU) पहुँचने पर प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा तथा रजिस्ट्रार श्री सुमित कुमार बिस्वास से शिष्टाचार भेंट की। बैठक के दौरान शिक्षा एवं शोध से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इसमें नए शैक्षणिक कार्यक्रमों की संभावनाएँ, विभिन्न शोध क्षेत्रों में संस्थान की प्रगति, वैश्विक स्तर पर सहयोग की संभावनाएँ, तथा दीर्घकालिक विकास रणनीतियाँ जैसे विषय विशेष रूप से शामिल रहे।
उन्नत शोध सुविधाओं का भ्रमण
प्रतिनिधिमंडल ने IIT (BHU) परिसर स्थित प्रमुख शोध एवं नवाचार केंद्रों का भ्रमण किया। इनमें सुपरकम्प्यूटिंग सेंटर, प्रिसीजन इंजीनियरिंग हब, सेंट्रल इंस्ट्रुमेंटेशन फैसिलिटी मुख्य आकर्षण रहे। अधिकारियों को इन केंद्रों में चल रहे शोध कार्यों, तकनीकी उपलब्धियों, उद्योग जगत से साझेदारियों, तथा छात्रों के नवाचार तंत्र के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
संस्थान की उपलब्धियों की प्रशंसा
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने IIT (BHU) में उपलब्ध अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, आधुनिक उपकरणों और नवाचार-अनुकूल वातावरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान ने शोध एवं प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
नितीश सूरी ने की संस्थान की भूमिका की प्रशंसा दौरे के दौरान श्री सूरी ने कहा कि “IIT (BHU) प्रौद्योगिकी नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने में देश की अग्रणी संस्थानों में से एक है। यह संस्थान भारत की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।” उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षा मंत्रालय संस्थान की नई शोध पहलों, अंतर्विषयक शैक्षणिक कार्यक्रमों, और उभरती तकनीकों से जुड़े प्रयासों को भविष्य में और अधिक सहयोग प्रदान करेगा।
दौरा रहा सार्थक और सकारात्मक
काशी तमिल संगम 4.0 के दौरान हुआ यह दौरा न केवल सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करता है। प्रतिनिधिमंडल ने IIT (BHU) की निरंतर प्रगति की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय विकास में एक मजबूत स्तंभ बताया।

