मालवीय जयंती समारोह: बीएचयू में महामना के विचारों पर मंथन, वक्ता बोले, भारतीय मूल्यों में आस्था रखने वाले युवाओं के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय की हुई स्थापना 

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वाराणसी। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर महामना मालवीय मिशन, काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई की ओर से बुधवार को मालवीय जयंती समारोह का आयोजन किया गया। बुधवार को अपराह्न 2 बजे बीएचयू स्थित वैदिक विज्ञान केंद्र के सभागार में आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रनिर्माण से जुड़े विचारों पर गहन विमर्श किया गया।

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समारोह की अध्यक्षता महामना मालवीय मिशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे ने की। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान लागू की गई मैकाले की शिक्षा पद्धति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करना था। इस प्रणाली के कारण भारतीय संस्कृति, धर्म-दर्शन और जीवन मूल्यों से दूरी बढ़ी, जिससे महामना मदन मोहन मालवीय अत्यंत व्यथित थे। उन्होंने बताया कि इसी पीड़ा के समाधान के रूप में महामना ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की, ताकि भारतीय जीवन मूल्यों में आस्था रखने वाले, प्राचीन और आधुनिक ज्ञान से समृद्ध राष्ट्रभक्त युवक-युवतियों का निर्माण हो सके।

समारोह के मुख्य वक्ता प्रो. जयप्रकाश लाल, कुलाधिपति, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने महामना के जीवन दर्शन और भारतीय संस्कृति के उत्थान में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा और सामाजिक सुधार सहित अनेक क्षेत्रों में महामना का योगदान अतुलनीय है। प्रो. लाल ने यह भी कहा कि मैकाले की शिक्षा व्यवस्था के दुष्प्रभावों से भारतीय युवाओं को बचाने के उद्देश्य से ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय की परिकल्पना की गई थी।

मुख्य अतिथि प्रो. संजय श्रीवास्तव, कुलपति, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी ने अपने संबोधन में कहा कि महामना मालवीय ने सामाजिक कुरीतियों से मुक्त और समरस समाज की स्थापना के लिए निरंतर सकारात्मक प्रयास किए। उन्होंने महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव आंबेडकर के बीच सेतु का कार्य कर सामाजिक समन्वय और राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया, जो उनके व्यापक दृष्टिकोण का प्रमाण है।

इस अवसर पर महामना निबंध प्रतियोगिता, महामना संभाषण प्रतियोगिता और कंठस्थ गीता श्लोक पाठ (कनिष्ठ एवं वरिष्ठ वर्ग) सहित कुल चार प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। साथ ही मालवीय भवन के मानद निदेशक प्रो. पतंजलि मिश्र, सह-निदेशक डॉ. नारायण भट्टराई, वैदिक विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रो. विनय कुमार पांडेय, भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. शरदेंदु तिवारी और बीएचयू कार्य परिषद के सदस्य प्रो. उदय प्रताप साही का अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत भाषण से हुआ, जिसे प्रो. उपेंद्र त्रिपाठी (अध्यक्ष, महामना मालवीय मिशन, बीएचयू इकाई) ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनूप कुमार (सचिव) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रभाकर उपाध्याय (महामंत्री, बीएचयू इकाई) ने किया। समारोह में विजय नाथ पांडेय, प्रमील पांडेय, प्रो. सुमन जैन, केदार तिवारी, माधवी तिवारी, दयाशंकर त्रिपाठी, संदीप शर्मा, मृत्युंजय पांडेय सहित अनेक गणमान्य नागरिकों और शिक्षाविदों की उपस्थिति रही।

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