प्रधानों के हितों के लिए महावीर शर्मा ने राष्ट्रीय पंचायतीराज प्रधान संगठन का किया गठन
वाराणसी। लोकतंत्र की पांचवी और सबसे मजबूत कड़ी ग्राम पंचायत है। एमपी, एमएलए की अपेक्षा गांवों के विकास में ग्राम प्रधानों की अहम भूमिका होती है। उक्त बातें राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन प्रदेश प्रभारी रवींद्र राय ने मंगलवार को ब्लॉक अध्यक्ष लालबहादुर पटेल के निजी आवास उमरहा में कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानों के हितों के लिए महावीर शर्मा ने राष्ट्रीय पंचायतीराज प्रधान संगठन का गठन किया। संगठन के बैनर तले प्रधानों के सम्मान और हितों की रक्षा के लिए अनेकों सफल प्रयास किया गया। जिसके तहत ग्राम प्रधानों को चुने हुए ग्राम पंचायत सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पदमुक्त करने का प्राविधान था। जिसे संगठन के प्रयास से समाप्त किया गया। इसके अलावा मानदेय, मौत होने पर सहयोग राशि इत्यादि संगठन की बदौलत हो पाया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हमारे संगठन को संचालित करने के लिए मनोनयन होता है। संगठन में बहुमत और वोटिंग जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। क्योंकि संगठन मतदाता सूची नहीं बनाता और नहीं कोई चुनाव कराता है। उदाहरण के तौर पर चिरईगांव के ब्लॉक के अध्यक्ष पद पर लालबहादुर पटेल का चयन पांच साल के लिए हुआ है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के जिला प्रवक्ता राजेश उपाध्याय, राजेश, दलसिंगार, मिथिलेश, संजय सोनकर, पारस सहित अन्य ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।
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