रामजानकी मठ अस्सी से घोड़े-हाथी व पालकी पर निकली भव्य श्रीराम बारात, महिलाओं ने गाया मंगल गीत
वाराणसी। श्रीश्री 1008 श्री पंजाबी महाराज की सत्यप्रेरणा से महन्त राजकुमार दास के मठ में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी चल रहे तीन दिवसीय श्री सीताराम विवाह पंचमी महोत्सव के दूसरे दिन अस्सी स्थित मठ से सायं में भव्य श्रीराम बारात शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में गाजे-बाजे के साथ घोड़े व रथ में फूलों से सुसज्जित पालकी में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के स्वरूप विराजमान हो चल रहे थे। श्रीराम-सीता विवाह में भक्तों व महिलाओं ने मंगल गीत व स्तुति गान किया। यात्रा मठ से प्रारम्भ होकर अस्सी, डुमरांव बाग, लंका, संकट मोचन मार्ग, दुर्गाकुंड, रविन्द्रपुरी होते हुए वापस मठ पहुंची।
मठ में श्रीराम बारात की अगवानी व स्वागत सत्यनारायण झुनझुनवाला एवं पूजा आदर्श सरावगी तथा पुर्णिमा पुरुषोत्तम पारोलिया ने की। इस अवसर पर काशी के अनेक संत समाज व भक्तजन उपस्थित थे। द्वारचार के बाद मठ में श्री रामजानकी विवाह महोत्सव प्रारम्भ हुआ। विवाह से पूर्व जयमाल, लावा परक्षन एवं अन्य विवाह कृत्य होने के पश्चात मां जानकी का कन्यादान किया गया। इस अवसर पर वहां उपस्थित महिलाओं ने मंगल गीत गाए। जानकी मंगल में सब मंगल, टूटत ही धनु भयेहु बिवाहू, सिय रघुबीर विवाह जे सप्रेम गावहि सुनहि। तिन्ह कहू सदा उछाहु मंगलायतनु राम जुसु का गायन किया। इससे पूरा मठ मंगल विवाह में सराबोर हो गया।
विवाह मंडप को बेला, चम्पा, गजरा सहित विभिन्न रंग-बिरंगे सुगन्धित फूलों से आकर्षक सजावट किया गया था। बारात में आए भक्तों को मठ में प्रसाद वितरण किया गया। श्रीराम बारात शोभायात्रा व विवाह उत्सव में महन्त रामबालक दास, संतोष दास, सचिन शर्मा सर्वेश्वर शरण,शियाबल्लभ, श्रवण दास, संत बालकदास , सियाराम दास विजय कोतवाल शैलेन्द्र दूबे रिषभ ईश्वर दास छोटा गुदड़ महाराज, मोनिका गुप्ता, विकास खनेजा आदि श्रद्धालु भक्त शामिल हुए। मठ के प्रभारी रामलोचन दास ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव में राम कलेवा का आयोजन किया गया है।
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