जानिए क्यों RTE के तहत गरीब बच्चो का एडमिशन लेने से कतरा रहे प्राइवेट स्कूल प्रबंधन

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वाराणसी। जनपद में राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब बच्चो का एडमिशन लेने से प्राइवेट स्कूल प्रबंधन कतराने लगा है। इसकी वजह प्राइवेट स्कूल प्रबंधन से सरकार की तरफ से प्रति छात्र दिए जा रहे स्कूल को अनुदान बताया है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों की माने तो गरीब बच्चो को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के लिए सरकार उन्हें 450 रुपए प्रति छात्र भुगतान करती है, लेकिन इससे ज्यादा छात्रों के ऊपर खर्च आता है। यदि सरकार गरीब बच्चो के अच्छी पढ़ाई के लिए उनका एडमिशन करवा रही है, तो सरकार को स्कूल के प्रति भी सोचना चाहिए। 

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ऐसे में स्कूल प्रबंधकों ने सरकार से भुगतना राशि बढ़ाकर 1000 रुपए करने की मांग की है। इसके लिए वाराणसी के दर्जनों प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने अपनी तीन सूत्रीय मांग जिला प्रशासन को पत्रक सौंपा। पत्रक देने पहुंचे प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक रामश्रय पटेल ने कहा कि कोविड के बाद प्राइवेट स्कूलों की स्थिति काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में सरकार के आरटीई योजना में कम भुगतान राशि होने के कारण कई प्राइवेट स्कूल बंद हो गए गई और कई बंद होने के कगार पर पहुंच गए है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल को बंद होने से बचाने के लिए सरकार से भुगतान राशि बढ़ाए जाने की मांग की गई है।

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