असली बनारसी थे कौशल गुरु, हर तबके के साथ खप जाते थे, निधन से शुभचिंतकों में शोक
वाराणसी। बीएचयू सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा के निधन से उनके शुभचिंतकों व जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। लोग उनके अक्खड़ व्यक्तित्व की चर्चा कर रहे हैं। वहीं उनके निधन पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा।
लोगों ने कहा कि कौशल गुरु असली बनारसी थे। बीएचयू में डीन रहने के बावजूद वे जमीन से जुड़े थे। जनता के बीच में हर तबके के साथ खप जाते थे। उनके व्यक्तित्व को भुलाया नहीं जा सकता।
प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने (67 वर्ष) की आयु में BHU के सरसुंदर लाल अस्पताल के आईसीयू में अंतिम सांस ली। प्रो मिश्रा पिछले कई दिनों से निमोनिया से जूझ रहे थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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