काशी विद्यापीठ : शिक्षाशास्त्र विभाग में नाट्य कला पर विशेष व्याख्यान आयोजित 

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वाराणसी। शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में मंगलवार को नाट्य कला पर विशेष व्याख्यान हुआ। मुख्य वक्ता डॉ. शुभ्रा वर्मा ने कहा कि रंगमंच, दृश्य कला, संगीत और नृत्य जैसी विधाओं का उपयोग करके छात्रों की रचनात्मकता, संचार कौशल, आलोचनात्मक सोच और समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे सीखने का अनुभव अधिक जीवंत और भावनात्मक रूप से जुड़ाव वाला बनता है। यह पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है, जो छात्रों को खुद को व्यक्त करने और सांस्कृतिक समझ विकसित करने में मदद करता है। 

प्रो. अरूण जैन ने कहा कि नाटक और कला छात्रों को लीक से हटकर सोचने, प्रयोग करने और नए समाधान खोजने के लिए प्रेरित करते हैं। यह कल्पना, तार्किक सोच, स्मृति और समझ को बढ़ाता है, खासकर जब इन्हें कहानी कहने और भूमिका निभाने के साथ जोड़ा जाता है। यह छात्रों को चुनौतियों के रचनात्मक और नवीन समाधान खोजने में मदद करते हैं।
 
डॉ. वीणा वादिनी ने कहा कि नाट्य कला एक शक्तिशाली माध्यम है, जो शिक्षा को रोचक और प्रभावी बना सकता है। यह छात्रों को अपने विचारों को व्यक्त करने, आत्मविश्वास बढ़ाने, और सामाजिक कौशलों को विकसित करने में मदद करता है। कौशल विकसित करने में मदद करता है। स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो.सुरेंद्र राम,  संचालन डॉ. दिनेश कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योत्सना राय ने किया।

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