स्थापना दिवस पर राममय हुआ काशी विद्यापीठ, महापौर बोले - काशी विद्यापीठ जितना समृद्ध किसी विश्वविद्यालय इतिहास का नहीं

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वाराणसी। अपने 104वें स्थापना दिवस पर शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पुरी तरह से राममय हो गई। स्थापना दिवस समारोह रंग दे बसंती... कार्यक्रम की शुरुआत ‘‘रामजी की सवारी’’ शोभा यात्रा से हुई। शोभा यात्रा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुई, जिसमें रामधुन पर छात्र-छात्राएं आदि झुमते हुए चल रहे थे। पंत प्रशासनिक भवन, आजाद चौराहा से होते हुए यात्रा गांधी अध्ययन पीठ पहुंची जहां श्री रामजी, माता सीता, लक्ष्मणजी आदि की आरती कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी, महापौर अशोक कुमार तिवारी, कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय और आयोजन समिति के संयोजक प्रो. के.के. सिंह ने की।

mgkvpइस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि जब अंग्रेज भारतियों को शिक्षा से वंचित कर रहे थे तब काशी विद्यापीठ की नींव पड़ी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का जितना समृद्ध इतिहास है उतना किसी अन्य विश्वविद्यालय का नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को दबाया है, जिसे हमें फिर से संयोजित करने का कार्य कर रहे हैं। 

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अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि नये उमंग एवं उत्साह के साथ हमें विश्वविद्यालय की नैक ग्रेडिंग ए++ लाने के लिए प्रयास करना है, जिससे अगले वर्ष स्थापना दिवस और भव्यता के साथ मनाया जायेगा। अगला साल उपलब्धियों का होगा। विद्यापीठ को राष्ट्रीय महत्व की संस्था का दर्जा दिलाना है। इस मौके पर उन्होंने काशी विद्यापीठ के सुनहरे इतिहास को भी याद किया। इस अवसर पर महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक डॉ. नागेन्द्र कुमार सिंह ने काशी विद्यापीठ के अतित से वर्तमान तक की यात्रा का सजीव चित्रण करते हुए उसकी व्याख्या की। 

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इससे पहले रंग दे बसंती... कार्यक्रम में ललित कला विभाग के छात्र-छात्राओं ने स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, चन्द्रशेखर आजाद, भगवान दास, दुर्गा प्रसाद खत्री, भगत सिंह आदि की पेंटिंग बनाई। इसके बाद मंच कला, नाट्य कला विभाग के विद्यार्थियों ने देश-भक्ति, धार्मिक आदि गीतों- कब आओग राम, घर आ जाओ मेरो परदेसिया एवं रंग दे बसंती पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी।

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साथ ही अलबेली नार, पहाड़ी धुन पर आधारित बसंत गीत, होरी खेलत नंदलाल, चौताल आदि गीतों की भी प्रस्तुति हुई। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक प्रो. के.के. सिंह, संचालन डॉ. नागेन्द्र कुमार सिंह एवं डॉ. किरन सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, उप-कुलसचिव हरिश चन्द्र, कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, प्रो. शैफाली ठकराल, डॉ. निशा सिंह, डॉ. आनन्द कुमार सिंह, राजेश राय आदि उपस्थित रहे।

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