नवसंवत्सर के स्वागत में सजी काशी, सजाई दीप मालाएं और रंगोली, निकाली शोभायात्रा 

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वाराणसी। भारतीय नवसंवत्सर विक्रम संवत 2082 के स्वागत में शहर को ॐ अंकित भगवा ध्वजों, दीपमालाओं और रंगोली से सजाया गया। मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक भगवा आभा में नहाए नजर आए। जगह-जगह शुभकामना बैनर, अल्पनाएं और आकर्षक रंगोलियां बनाई गईं। नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर शनिवार को श्री लाट भैरव भजन मंडल के तत्वावधान में तुलसीदास मार्ग तेलियाना पर सैकड़ों दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया गया। दोपहर से ही क्षेत्र के युवाओं ने आमजन के सहयोग से दीप सजाने का कार्य प्रारंभ किया। श्री राम जानकी मंदिर के महंत रामदास जी ने मंदिर प्रांगण से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अंधेरी रात दीपों की ज्योति से आलोकित हो उठी।

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मंदिर परिसर में फाइन आर्ट की कलाकार चांदनी विश्वकर्मा और उनकी सहयोगी सिमरन ने रंगों को कलात्मक रूप देकर भव्य रंगोली बनाई। फूलों और दीपों से ‘2082’ की आकृति उकेरी गई, जिससे नववर्ष की उमंग दोगुनी हो गई। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु भगवा ध्वज थामे डमरू बजाते हुए पूरे क्षेत्र में शोभायात्रा निकाली। पूरे क्षेत्र में "एक ही नारा, एक ही नाम – जय श्री राम, जय श्री राम" और "हर हर महादेव" के उद्घोष गूंजते रहे। लोगों ने एक-दूसरे को नवसंवत्सर की शुभकामनाएं दीं।

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शोभायात्रा के बाद श्री राम जानकी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन हुआ। कलाकारों ने चैती की धुन, पचरा और देवी गीतों पर संकीर्तन कर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो दिया। कार्यक्रम में संस्थाध्यक्ष केवल कुशवाहा, विष्णुदास महाराज, शिवम अग्रहरि, उत्कर्ष कुशवाहा, जय विश्वकर्मा, रूद्र अग्रहरि, मनीष गुप्ता, कुशाग्र, हरि विट्ठल, कृष्णा यादव, रितेश कुशवाहा, नवीन वर्मा, नितिन, शिवम केशरी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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