काशी विश्वनाथ मंदिर में 'कला उत्सव 2025' का भव्य समापन, डॉ. जयंती कुमारेश की वीणा ने बिखेरी आध्यात्मिक सुरों की माला

वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के पावन परिसर में आयोजित 'कला उत्सव 2025' का शिवार्चनम मंच पर आज भव्य समापन हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन सुप्रसिद्ध वीणा वादिका डॉ. जयंती कुमारेश ने अपनी भावपूर्ण और दिव्य वीणा वादन प्रस्तुति से श्रोताओं को आध्यात्मिक और संगीतमयी अनुभव का अनुपम उपहार दिया।
डॉ. जयंती कुमारेश की प्रस्तुति ने रचा इतिहास
डॉ. जयंती की वीणा से निकले सुरों ने शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा को जीवंत कर दिया। उनकी प्रस्तुति में आध्यात्मिक ऊर्जा और भावनात्मक गहराई का ऐसा समन्वय था कि मंदिर का वातावरण शिवमय हो उठा। प्रत्येक राग और स्वर मानो भगवान शिव की आराधना में समर्पित था। उनकी वादन शैली ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, और हर रचना के समापन पर तालियों की गूंज से परिसर गूंज उठा।
कला और आध्यात्म का अनूठा संगम
'कला उत्सव 2025' ने काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को एक मंच पर प्रस्तुत किया। इस समापन समारोह ने न केवल संगीत प्रेमियों को एक अविस्मरणीय अनुभव दिया, बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पवित्र परिवेश में कला और भक्ति के संगम को और सशक्त किया।