रामनाम संकीर्तन संग निकली काशी में चारों धाम की यात्रा
वाराणसी। रविवार पौष कृष्ण चतुर्थी तिथि को श्री लाट भैरव काशी यात्रा मण्डल के तत्वावधान में चार धाम पदयात्रा संपन्न की गयी।भक्तों ने कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर प्रांगण से संकल्प लेकर समग्र पाप समूहों को नष्ट करने, संकट को दूर करने और मोक्ष की कामना से यात्रा प्रारम्भ की। चारों युगों के अधिकृत देवता अर्थात सतयुग के बद्री नारायण, त्रेता के रामेश्वरं, द्वापर के द्वारिकाधीष व कलयुग के जग्गनाथपुरी का दर्शन कर मनोरथ पूर्ण होने की गुहार लगाई।
स्कंदपुराण के तीर्थ प्रकरण के अनुसार देश के चारों दिशाओं में स्थित चार धाम की यात्रा करने मात्र से भक्तों का कल्याण होता है।रामनाम संकीर्तन संग भक्तों ने नंगे पांव बद्रीनारायण घाट स्थित बद्रीनारायण, मानमंदिर घाट स्थित रामेश्वरं, अस्सी घाट स्थित जग्गनाथपुरी तथा शंकुलधारा पोखरा स्थित द्वारिकाधीश का दर्शन कर यात्रा का समापन किया।
संस्थाध्यक्ष केवल कुशवाहा ने बताया कि प्रत्येक सनातनधर्मी की यह कामना होती है कि जीवन में एक बार चार धाम यात्रा अवश्य करें। मोक्षनगरी काशी में 33 कोटि देवी-देवता विराजमान हैं। यहां समस्त तीर्थों का दर्शन करने का शुभ फल प्राप्त होता है। काशी में चार धाम यात्रा करने पर भी मूल यात्रा के समान ही शुभ फल प्राप्त होतें हैं।
यात्रा में प्रमुख रूप से शिवम अग्रहरि, धर्मेंद्र शाह, गोविंद, संदीप कुशवाहा, उत्कर्ष कुशवाहा, जय प्रकाश राय, रितेश कुशवाहा, दीनदयाल, मारकुंडी, यतीश, सन्नी मौर्य, शिवप्रसाद, रविशंकर, पवन गुप्ता, कैलाश, रामसहाय राय, आशीष वर्मा, बबलू, सोहन आदि सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थें।
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