काशी में 'संत नारायण पुनर्वास संस्थान' का शुभारंभ, दिव्यांगजनों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समर्पित होंगी सेवाएं

वाराणसी। काशी में मानसिक स्वास्थ्य, व्यसन मुक्ति और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के समग्र पुनर्वास के लिए एक नई पहल के रूप में 'संत नारायण पुनर्वास संस्थान' की स्थापना की गई है। यह संस्थान काशी विद्यापीठ ब्लॉक रोड, शिवदास पुर लहरतारा स्थित कृष्णा हुंडई के पीछे बनाया गया है। इसका औपचारिक उद्घाटन 5 जुलाई को प्रातः 10 बजे होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयपुर के सिविल लाइंस से विधायक डॉ. गोपाल पाठक होंगे।
संस्थान के प्रबंधक राकेश पाण्डेय ने जानकारी दी कि यह पुनर्वास केंद्र विशेष रूप से व्यसन मुक्ति, मानसिक रोगों के इलाज और विशेष बच्चों की शिक्षा-दीक्षा व देखभाल के लिए समर्पित रहेगा। इसमें डाउन सिंड्रोम, ऑटिज़्म, एडीएचडी, मानसिक मंदता, सेरेब्रल पाल्सी जैसे न्यूरोलॉजिकल व मानसिक विकारों से ग्रसित बच्चों और बड़ों के लिए सेवाएं उपलब्ध होंगी।
संस्थान में अनुभवी मनोचिकित्सक, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और विशेष शिक्षक कार्यरत होंगे। मरीजों को एक ही छत के नीचे संपूर्ण और समग्र उपचार देने की व्यवस्था की गई है। प्रेस को संबोधित करते हुए डॉ. वी.डी. मिश्रा ने बताया, “हमारा उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और व्यसन मुक्ति को लेकर समाज में जागरूकता फैलाना और जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना है।” वहीं, डॉ. सुधांशु पाण्डेय ने कहा कि “यह संस्थान एक बड़ी सामाजिक जरूरत को पूरा करेगा और विशेष व्यक्तियों को आत्मनिर्भर जीवन जीने में सहायक बनेगा।”
संस्थान की प्रमुख सेवाओं में फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, स्पीच और लैंग्वेज थैरेपी, बिहेवियर थेरेपी, काउंसलिंग, विशेष शिक्षा और व्यसन मुक्ति केंद्र शामिल हैं। यह केंद्र न्यूनतम शुल्क पर या जरूरतमंदों के लिए नि:शुल्क सेवाएं भी प्रदान करेगा। संस्थान का ध्येय है दिव्यांगजनों को सामाजिक, मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना। इसका मिशन है कि प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति तक आधुनिक पुनर्वास सेवाएं पहुँचें और उनके परिवारों को भी परामर्श व सहयोग प्रदान किया जाए। भविष्य में संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार, ऑनलाइन थेरेपी प्लेटफॉर्म और विशेष बच्चों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत करेगा। आयोजकों ने मीडिया से सहयोग की अपील की है कि वे इस प्रयास को जन-जन तक पहुँचाने में भागीदार बनें।