वित्तीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने पर जोर, डीएम ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए दिए निर्देश

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वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में जिला सलाहकार एवं समन्वय समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने और वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त करने पर चर्चा की गई। अग्रणी जिला प्रबंधक अविनाश अग्रवाल ने सदन को आश्वस्त किया कि जिले की वार्षिक ऋण योजना के निर्धारित लक्ष्यों को पूरी तरह से प्राप्त किया जाएगा। इसके साथ ही, वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों को निर्धारित कर सदन द्वारा अनुमोदित किया गया।

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बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, स्वयं सहायता समूह की सीसीएल योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, और एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा 2024-25 में शत-प्रतिशत उपलब्धि दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैंकों से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से जोड़ने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक करने पर विशेष जोर दिया।

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भारतीय रिजर्व बैंक की प्रतिनिधि अपराजिता सिंह ने बैंकों से आग्रह किया कि वे पुराने खातों में री-केवाईसी (Re-KYC) की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें। इसके अलावा, नाबार्ड के अनुज सिंह द्वारा प्री-पीएलपी (Pre-PLP) पुस्तक का विमोचन कराया गया।

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के उप क्षेत्र प्रमुख प्रेम नाथ रॉय, भारतीय रिजर्व बैंक की अपराजिता सिंह, नाबार्ड के अनुज सिंह, शासकीय विकास विभाग के अधिकारी, और विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयकों ने भाग लिया। बैठक का सफल संचालन अग्रणी जिला प्रबंधक अविनाश अग्रवाल द्वारा किया गया।

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