पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बनारस के एक-एक मुद्दे पर नये डीएम ने की चर्चा, कहा- नशेड़ियों से मुक्त होंगे गंगा के घाट, ट्रैफिक जाम पर कही ये बात
वाराणसी। नवागत जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन पत्रकारों से संवाद कर अपने प्रशासनिक दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया। संवाद के दौरान उन्होंने वाराणसी की जमीनी समस्याओं को खुले तौर पर स्वीकारते हुए उनके समाधान के लिए त्वरित, व्यावहारिक और सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया।

उन्होंने सबसे पहले कलेक्ट्रेट भवन की जर्जर स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि यह इमारत काफी पुरानी हो चुकी है, जिसके स्थान पर नई सुविधाजनक संरचना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शासन से इसके लिए अनुरोध करेंगे। पत्रकारों से उन्होंने नियमित संवाद बनाए रखने का वादा करते हुए कहा कि हर महीने या दो महीने में एक बार वे पत्रकारों से बातचीत करेंगे, ताकि जनप्रतिनिधियों और मीडिया के माध्यम से जनसरोकारों पर सीधा संवाद हो सके।
वाराणसी की सबसे जटिल समस्या ट्रैफिक जाम पर डीएम ने बेहद गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद भी जाम का दर्द झेला है। इस दिशा में तुरंत प्रभावी कदम उठाते हुए आदेश दिया गया है कि पुलिस थानों और चौकियों के बाहर अनावश्यक रूप से खड़ी सरकारी गाड़ियां अब परिसर के भीतर पार्क कराई जाएंगी। उन्होंने मंडुआडीह-ककरमत्ता फ्लाईओवर में रेलवे पटरी की बाधा को लेकर जांच कराने की बात कही।
शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर डीएम ने कहा कि इसमें सुधार की आवश्यकता है और नगर निगम को इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए जाएंगे। आने वाली गर्मी को देखते हुए उन्होंने युद्धस्तर पर तैयारियों का आदेश दिया है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर पर्यटकों के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था भी शामिल है।

बिजली संकट को लेकर उन्होंने भरोसा दिलाया कि दो-तीन दिनों के भीतर ठोस समाधान निकाला जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि काशी की लगभग 80 प्रतिशत गलियों में आज भी सीवर की व्यवस्था नहीं है, जिसे प्राथमिकता पर सुधारा जाएगा।
रामनगर से पड़ाव तक बांध के ऊपर प्रस्तावित पुल का भी डीएम ने जिक्र किया और कहा कि इसके अद्यतन हालात की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो हैंडपंपों की खराब हालत और गौशालाओं की दयनीय स्थिति पर भी उन्होंने चिंता जताई और सुधार की दिशा में पहल करने का भरोसा दिया।
वरुणा कॉरिडोर, जो शहर की छवि का अहम हिस्सा है, उसकी स्वच्छता और रखरखाव को लेकर उन्होंने विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया। नालों की सफाई और जल निकासी की समस्याओं के समाधान के लिए STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के माध्यम से योजनाएं बनाई जा रही हैं।

सत्येंद्र कुमार ने कहा कि शहर की सजावट और संरचना सुंदर है, लेकिन उसका नियमित रखरखाव जरूरी है। वे खुद फील्ड में जाकर विकास कार्यों की हकीकत जांचेंगे। अवैध कब्जों को लेकर उन्होंने साफ कहा कि इन्हें हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
अंत में, घाटों की सुरक्षा और सामाजिक स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए डीएम ने बताया कि अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक नशे की गिरफ्त बढ़ती जा रही है, जिससे निपटने के लिए जल्द ही एक सघन अभियान चलाया जाएगा। घाटों पर नशेड़ियों के अड्डों को समाप्त कर धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को पुनः स्थापित किया जाएगा।
पत्रकारों के सुझावों को उन्होंने गंभीरता से अपनी डायरी में दर्ज किया। उन्होंने प्रत्येक समस्या के समाधान का स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया।

