सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की अहम बैठक, नियुक्तियों व बजट पर लिए गए अहम निर्णय
वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आज अपराह्न 2 बजे योगसाधना केन्द्र में सम्पन्न हुई, जिसमें कार्यपरिषद के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक, शैक्षणिक एवं वित्तीय हित से जुड़े कई अहम निर्णयों पर सहमति प्रदान की।
बैठक का प्रमुख निर्णय माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में लिया गया। याचिका संख्या 7655/2019 के आधार पर कार्यपरिषद ने डॉ. रानी द्विवेदी को सहायक आचार्य, भाषा विज्ञान (हिस्टोरिकल) पद पर नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया। इस निर्णय को विश्वविद्यालय में विधिक प्रक्रिया के तहत लागू किए जाने पर सहमति बनी।
बैठक में संस्कृत महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य की नियुक्ति से संबंधित अर्हताओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अधिनियम की धारा 31(1), 51(2)(ण) तथा परिनियम 11.14 के अंतर्गत होने वाली नियुक्तियों को और अधिक पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण बनाने के लिए कार्यपरिषद ने भविष्य में आवश्यक विधिक संशोधन करने पर सहमति जताई। इसके अंतर्गत यह प्रस्ताव किया गया कि किसी भी स्नातकोत्तर स्तर के महाविद्यालय में प्राचार्य पद हेतु न्यूनतम पांच वर्ष का अध्यापन अनुभव अनिवार्य होगा तथा वेतन, मानदेय अथवा पारिश्रमिक का भुगतान बैंक माध्यम से किया जाना आवश्यक होगा।
इसके साथ ही पूर्व में पारित आदेशों की पुष्टि करते हुए कार्यपरिषद ने संस्कृत महाविद्यालयों में अध्यापक एवं प्रधानाचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया। चयन प्रक्रिया के दौरान देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से विशिष्ट विषय विशेषज्ञों को नामित किए जाने पर भी सहमति बनी, जिससे चयन की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।
बैठक में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत दो शिक्षकों को लाभ देने का भी निर्णय लिया गया। व्याकरण विभाग के सहायक आचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र सांपकोटा तथा वेद विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा को वरिष्ठ वेतनमान प्रदान करने पर कार्यपरिषद ने सहमति व्यक्त की।
इसके अतिरिक्त वित्त समिति की संस्तुतियों के आलोक में वर्ष 2026-27 के लिए विश्वविद्यालय के बजट को भी कार्यपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में कार्यपरिषद के सम्मानित सदस्यों में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह, राज्यपाल के ओएसडी डॉ. पंकज एल. जानी, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास बरखेड़ी (आभासी माध्यम से), कुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी हरिशंकर मिश्र सहित कई वरिष्ठ प्राध्यापक एवं सदस्य उपस्थित रहे।

