चौबेपुर क्षेत्र में बालू मिश्रित मिट्टी का अवैध खनन बेखौफ जारी, खनन रोकने वाले विभाग ही बने अनभिज्ञ

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वाराणसी (चिरईगांव संवाददाता)। गंगा सोता और गंगा नदी के किनारे बसे रामपुर, छितौना, सरसौल, लूठाकला, मिश्रपुरा सहित कई गांवों में इन दिनों बालू मिश्रित मिट्टी का अवैध खनन एक बड़े कारोबार की तरह फल-फूल रहा है। खासकर ठंड भरी रातों में ट्रैक्टर-ट्रॉली और जेसीबी की आवाजाही खुलेआम देखी जा सकती है, लेकिन रोकथाम करने वाले विभाग खनन और पुलिस सूचना मिलने के बावजूद अनभिज्ञ बने हुए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन से जुड़ा पूरा नेटवर्क रात के अंधेरे में सक्रिय रहता है और संबंधित विभागों की ढिलाई इस अवैध गतिविधि को बढ़ावा दे रही है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी तो खनन माफिया तक शिकायत करने वालों का नाम तक पहुंचा देते हैं, जिससे खनन करने वाले और अधिक बेखौफ हो जाते हैं।

अधिकारियों की चुप्पी
अवैध खनन की जानकारी लेने के लिए जब चौबेपुर थानाध्यक्ष को फोन किया गया, तो उनका मोबाइल नहीं उठा। वहीं जाल्हूपुर चौकी प्रभारी मनीष चौधरी ने अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध खनन से साफ इंकार कर दिया। चांदपुर चौकी प्रभारी का मोबाइल भी कॉल करने पर नहीं उठा, जिससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि संबंधित अधिकारी खनन रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं हैं।

खनन विभाग की स्थिति
खनन निरीक्षक अनुज से जब पूछा गया कि सरसौल, लूठाकला और अन्य प्रभावित गांवों में लगातार हो रहे अवैध खनन पर विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अभी निरीक्षण पर जा रहे हैं और मौके पर देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि हालात पर तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया तो न केवल पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचेगा, बल्कि गंगा तटों की प्राकृतिक संरचना भी खतरे में पड़ सकती है। स्थानीय लोग इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में जारी अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

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