आईआईवीआर शोध समिति की बैठक, जैविक खेती से मिट्टी की पोषक क्षमता बढ़ाने पर जोर 

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वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में आयोजित तीन दिवसीय 30वीं संस्थान शोध समिति की बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें वैज्ञानिकों की ओर से किए कार्यों की समीक्षा और आगामी समय के नए टारगेट चयन पर चर्चा हुई। साथ ही जैविक खेती के जरिये मिट्टी की पोषक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया। 

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कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेंद्र राय की अध्यक्षता में संस्थान में किए जा रहे शोध एवं विकास एवं किसानोन्मुखी कार्यों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर सब्जी अनुसंधान में उन्नत हाइब्रिड किस्मों के विकास, फसल उत्पादन तकनीकियों में सुधार से अधिक उत्पादकता, जैविक एवं प्राकृतिक खेती के माध्यम से मिट्टी एवं फसल उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, संरक्षित खेती से कम पानी एवं अल्प मात्रा में कृषि रसायनों के प्रयोग, ग्राफ्टिंग टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी की उन्नत एवं आधुनिक विधाओं जैसे जीनोम एडिटिंग, प्रोटियोमिक्स, मेटाबोलोमिक्स एवं बायोइन्फरमेटिक्स के माध्यम से किस्म सुधार, फसल प्रसंस्करण, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित तकनीकियों, आदि पर किए गए वैज्ञानिक कार्यों को प्रस्तुत किया गया। 

निदेशक डॉ नागेंद्र राय ने वैज्ञानिक कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिक केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से न केवल किसानोन्मुखी कार्य कर रहे हैं बल्कि वे भविष्य की सब्जी उत्पादन चुनौतियों तथा किसानों की समस्याओं से भी अवगत हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान सभी चुनौतियों का सामना करते हुए सब्जी फसलों के उत्पादन एवं गुणवत्ता सुधार में अपना योगदान देता रहेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान के सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति हेतु एससी/एसटी सब प्लान की योजनाओं को किसानों तक ले जाने के लिए संस्थान के वैज्ञानिक संकल्पित हैं और भारत सरकार की अपेक्षानुरुप कार्य किये जा रहे हैं। 

बैठक के अंत में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गईं 6 टेक्नोलॉजी/उत्पादों एवं 6 से अधिक विकसित किस्मों/जर्मप्लाज्म को आईसीएआर द्वारा अनुबंधित किये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर ही राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, भारत सरकार द्वारा 'गुड़ एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज' ('उन्नत कृषि आचरण') को विकसित करने हेतु विचार विमर्श के लिए एक ऑनलाइन प्रस्तुती भी दिया गया है। टेक्नोलॉजी रजिस्ट्रेशन हेतु शोध एवम विकास कार्यों पर वैज्ञानिक प्रस्तुतीकरण का संचालन डॉ पीएम सिंह के मार्गदर्शन में डॉ एसके तिवारी ने किया। बैठक में विभागीय अध्यक्षों डॉ एबी सिंह, डॉ एएन सिंह, पीसी हेड डॉ राजेश कुमार, पीएमई चेयरमैन डॉ एसके सिंह, मीडिया सेल चेयरमैन प्रधान वैज्ञानिक डॉ डीपी सिंह रहे।

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