आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2026 में हासिल की शानदार उपलब्धि, CPF में वैश्विक स्तर पर 47वां स्थान
शोध और उद्धरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन
आईआईटी (बीएचयू) ने वर्ष 2019 से 2023 के बीच 12,259 स्कोपस-इंडेक्स्ड शोध पत्र प्रकाशित किए, जो इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, प्राकृतिक विज्ञान, जीवन विज्ञान, स्वास्थ्य, कला और मानविकी जैसे विविध क्षेत्रों में योगदान देते हैं। इन शोध पत्रों को 2024 तक कुल 1,41,332 उद्धरण (citations) प्राप्त हुए, जो संस्थान की वैश्विक अकादमिक प्रतिष्ठा का प्रमाण है। CPF में पिछले वर्ष की 48वीं रैंक से एक स्थान ऊपर 47वां स्थान हासिल करना इसकी शोध क्षमता को और मजबूत करता है।
QS WUR 2026 के मानक
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2026 में संस्थानों का मूल्यांकन 9 प्रमुख मानकों पर किया गया, जिनमें शामिल हैं:
- अकादमिक प्रतिष्ठा
- नियोक्ता प्रतिष्ठा
- फैकल्टी-छात्र अनुपात
- अंतरराष्ट्रीय संकाय और छात्र
- अनुसंधान नेटवर्क
- साइटेशन प्रति फैकल्टी
- सततता
- प्लेसमेंट परिणाम
आईआईटी (बीएचयू) ने नियोक्ता प्रतिष्ठा और अकादमिक स्थिति जैसे मानकों में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है, जो इसके शैक्षणिक और औद्योगिक प्रभाव को दर्शाता है।
निदेशक की प्रतिक्रिया
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “यह रैंकिंग हमारे शोध की गुणवत्ता, अकादमिक प्रतिबद्धता और नवाचार के प्रति समर्पण को दर्शाती है। हम उद्योगों और वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं ताकि अनुसंधान को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके। मैं सभी संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं, छात्रों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। हमारा लक्ष्य भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करना है।”
काशी की शैक्षणिक विरासत को नया आयाम
यह उपलब्धि न केवल आईआईटी (बीएचयू) के लिए, बल्कि वाराणसी की शैक्षणिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी गर्व का क्षण है। संस्थान की यह सफलता काशी को वैश्विक शैक्षणिक मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करती है। भविष्य में और ऊंचे मुकाम हासिल करने के लिए संस्थान ने अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक सहयोग को और बढ़ाने का संकल्प लिया है।

