IIT BHU के डॉ. आदित्य कुमार पाधी को मिला आईएससीबी यंग साइंटिस्ट अवार्ड-2025
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार पाधी को जैविक विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध एवं नवाचार के लिए प्रतिष्ठित आईएससीबी यंग साइंटिस्ट अवार्ड–2025 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय रसायनज्ञ एवं जीवविज्ञानी सोसायटी (Indian Society of Chemists and Biologists - ISCB) द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. पाधी को यह सम्मान जैविक विज्ञान के क्षेत्र में उनके असाधारण अनुसंधान योगदान, शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचारपूर्ण कार्यों के लिए दिया गया है। विशेष रूप से कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML), बायोमॉलिक्यूलर डिजाइन तथा ट्रांसलेशनल बायोइन्फॉर्मेटिक्स के संगम पर उनके शोध कार्यों को सराहा गया है। उनके अनुसंधान ने मानव स्वास्थ्य, रोगों की समझ और आधुनिक चिकित्सीय विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का वितरण समारोह ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में देश के कई प्रख्यात वैज्ञानिक, शिक्षाविद और शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में प्रो. करुणा कर नंदा, निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स (भुवनेश्वर); प्रो. (डॉ.) सरनजीत सिंह, कुलपति, किट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी; तथा प्रो. भालचंद्र महादेव भनगे, कुलपति, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा शामिल रहे।
डॉ. आदित्य कुमार पाधी वर्तमान में आईआईटी (बीएचयू) में लेबोरेटरी फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी एंड बायोमॉलिक्यूलर डिजाइन (LCBD) का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका शोध कार्य कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, संरचनात्मक एवं ट्रांसलेशनल बायोइन्फॉर्मेटिक्स, मॉलिक्यूलर मॉडलिंग और सिमुलेशन, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग तथा मशीन लर्निंग के उन्नत तरीकों पर आधारित है। इन तकनीकों के माध्यम से वे औषधि खोज, प्रोटीन एवं एंजाइम इंजीनियरिंग, चिकित्सीय एंटीबॉडी डिजाइन और होस्ट माइक्रोब अंतःक्रियाओं से जुड़ी जटिल समस्याओं पर कार्य कर रहे हैं, विशेषकर चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण रोगजनकों में प्रतिरोध से संबंधित उत्परिवर्तनों के अध्ययन में।
आईएससीबी यंग साइंटिस्ट अवार्ड-2025 डॉ. पाधी की वैज्ञानिक प्रतिबद्धता, नवोन्मेषी सोच और प्रभावशाली शोध योगदान का प्रतीक है। यह सम्मान न केवल युवा शोधकर्ताओं को प्रेरित करता है, बल्कि भारत के वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती प्रदान करता है। इस उपलब्धि पर आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने डॉ. आदित्य कुमार पाधी को हार्दिक बधाई देते हुए इसे संस्थान के लिए गौरव का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान संस्थान में हो रहे अंतःविषयक शोध और नवाचार की बढ़ती राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

