IIT BHU ने विकसित किया पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदलने का डिवाइस, रीडिंग का देगा सटीक डेटा  

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वाराणसी। आईआईटी बीएचयू की टीम ने पारंपरिक मीटरों को आधुनिक बनाने के लिए एक एक कम लागत वाला LoRaWAN-सक्षम डिवाइस विकसित किया है। यह डिवाइस पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदलेगा। स्मार्ट तकनीकी से लैस यह डिवाइस अन्य की तुला में काफी सस्ता है। 

डॉ. हरि प्रभात गुप्ता के नेतृत्व में, आईआईटी (बीएचयू) की अनुसंधान टीम ने एक LoRaWAN-सक्षम डिवाइस डिजाइन किया है, जो इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर हुए बिना स्मार्ट मीटर की कार्यक्षमता को प्रदर्शित करता है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में फायदेमंद है, जहां इंटरनेट की सीमित या कोई उपलब्धता नहीं है। यह डिवाइस मीटर रीडिंग को स्वचालित रूप से एकत्र करता है और मैन्युअल हस्तक्षेप के बिना कुशल और सटीक डेटा उपलब्ध कराता है। 

डॉ. गुप्ता की टीम ने तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया। डिवाइस डिज़ाइन, तैनाती, और सामान्य स्मार्टफोन के साथ संगत सॉफ़्टवेयर का विकास। परिणामस्वरूप एक बहुमुखी और किफायती LoRaWAN-सक्षम डिवाइस प्राप्त हुआ, जो न केवल मीटर रीडिंग को सुगम बनाता है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बिजली की खपत के बारे में जागरूक भी करता है। इसके अतिरिक्त, इस डिवाइस का उपयोग संकेत बोर्ड पढ़ने और विकलांगों की सहायता जैसे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जो इसकी बहुउद्देश्यीय क्षमताओं को उजागर करता है।

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इस पहल का उद्देश्य बर्बादी को कम करना और मौजूदा मीटरों के अनावश्यक प्रतिस्थापन से बचना है, जिससे स्थिरता और लागत-प्रभावशीलता को बढ़ावा मिलता है। इस शोध कार्य को आंशिक रूप से IDAPT-Hub IIT (BHU) वाराणसी और SERB द्वारा वित्तपोषित किया गया है, जिनके महत्वपूर्ण समर्थन ने इस परियोजना को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है। आईआईटी बीएचयू इस तकनीक को एक व्यापक स्मार्ट बिल्डिंग ढांचे में एकीकृत करने का लक्ष्य रखता है। अगला मील का पत्थर मौजूदा बिजली, पानी और गैस मीटरों को LoRaWAN-सक्षम प्रणाली में परिवर्तित करना है। 


यह उन्नति स्वचालित मीटर रीडिंग को सुविधाजनक बनाएगी। उपलब्ध पार्किंग स्थानों की निगरानी करेगी। सफाई और कचरा निपटान के प्रबंधन और बगीचों में पानी के छिड़काव को स्वचालित करेगी। आईआईटी निदेशक ने टीम को उनके सफल अनुसंधान के लिए बधाई दी। संस्थान से प्रदान की गई वित्तीय और बुनियादी ढांचा सहायता को स्वीकार किया। उन्होंने परियोजना के दौरान टीम को मार्गदर्शन और प्रेरित करने में अपनी भूमिका पर भी जोर दिया।

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