दहेज उत्पीड़न और गर्भपात के मामले में आरोपी पति को अग्रिम जमानत, अदालत ने 50-50 हजार की जमानत पर रिहाई का दिया आदेश

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वाराणसी। दहेज उत्पीड़न, जबरन गर्भपात और मारपीट के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे पति को जिला अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है। ज़िला जज संजीव पांडेय की अदालत ने चंदौली के सकलडीहा निवासी और EPFO कमिश्नर अजय कुमार सिंह को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह और अंकिता सिंह ने अदालत में पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, परिवादिनी रिचा सिंह चौहान ने बताया कि उसकी शादी 25 नवंबर 2007 को अजय कुमार सिंह से हुई थी। शादी के बाद उसके पति और सास ने उसके गर्भ का परीक्षण करवाया और जब परिणाम में लड़की की जानकारी मिली, तो 12 दिसंबर 2010 को जबरदस्ती उसका गर्भपात करा दिया गया। अजय कुमार सिंह की EPFO विभाग में नियुक्ति के बाद सास और देवर ने दहेज में होंडा सिटी कार और फ्लैट के लिए 50 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। जब रिचा ने इस मांग को पूरा करने में असमर्थता जताई, तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।

रिचा का आरोप है कि जबलपुर में उसकी हत्या की कोशिश की गई और कई बार उसका जबरन गर्भपात कराया गया। दुर्गापुर में उसे मारपीट कर प्रताड़ित किया गया, और 15 जून 2017 को उसे जबरन मिट्टी का तेल पिलाया गया, जिससे उसका गर्भपात हो गया। 7 जनवरी 2020 को उसने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन 26 सितंबर 2021 को पति और अन्य परिजनों ने मारपीट कर उसे और उसके अबोध बच्चों को केवल पहने हुए कपड़ों में घर से निकाल दिया।

इस पूरे मामले को अदालत में पेश किया गया, जहां पति अजय कुमार सिंह को अग्रिम जमानत मिल गई, और पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की स्थिति में 50-50 हजार रुपये की जमानत और बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया गया।
 

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