‘ऊँची नीची है डगरिया...’ गौरी केदारेश्वर मंदिर मार्ग में जगह-जगह गड्ढे, कैसे करेंगे भक्त जलाभिषेक, मंदिर मार्ग पर ढेरों दुश्वारियां

gauri kedareshwar temple
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-     सीवर का पाइपलाइन डालकर बिना बनाये ही छोड़ दिया गया है सड़क

वाराणसी। श्रावण महीना भगवान शंकर को सबसे प्रिय है। कहते हैं कि काशी का कण-कण शंकर है। अयोध्या की तर्ज पर काशी में भी घर-घर मंदिर है। सावन के महीने में काशी पूरी तरह से शिवमय हो जाती है। 

सावन में बाबा के भक्त उनका जलाभिषेक करते हैं, जिस से वह जल्द ही प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का वरदान देते हैं। सावन महीना को शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी है, लेकिन शायद नगर निगम अभी भी कुंभकर्णी नींद सो रहा है क्योंकि सोनारपुर स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर जाने वाले वाला मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। 

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चिंतामणि गणेश मंदिर के पास सीवर पाइप लाइन डालने के लिए खोदी खोजी गई गली पाइप डालने के बाद भी उसी तरह से बिना बनाये ही छोड़ दिया गया है। गली को सिर्फ मिट्टी से ढक दिया गया है जिसके कारण सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए है, कहीं गली ऊंचा तो कहीं गढो से भरी भरा है। इस मार्ग से हजारों भक्त गौरी केदारेश्वर महादेव को जलाभिषेक करने के लिए जातें है। सबसे बड़ी बात यह है कि सावन के प्रथम सोमवार को काशी के यादव बंधु केदार घाट से ही जल लेकर बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने जाते हैं और यादव बन्धु इसी मार्ग से ही होकर जाते हैं। 

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चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चल्ला सुब्बा शास्त्री का कहना है कि मेयर अशोक तिवारी के पहल पर इस मार्ग पर नया पाइप लाइन का सीवर का डाला गया है। कुछ दूरी तक सड़क ठीक भी किया गया है लेकिन चिंतामणि गणेश मंदिर के पास सड़क को खोदा गया लेकिन अभी तक उसे पूरी तरह से बनाया नहीं गया है। सावन को शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी है, अगर जल्द से जल्द ये सड़क नहीं बनाई गई तो इस मार्ग पर लोग गिरते पड़ते बाबा को जलाभिषेक करने के लिए जाएंगे। 

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वहीं समाजसेवी रामयश मिश्र का कहना है कि सावन के प्रथम सोमवार को इसी मार्ग से यादव बंधु जलाभिषेक करने के लिए केदारघाट जाएंगे। ये मार्ग पूरी तरह से खराब है और जिसके कारण यादव बंधुओं के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। श्रावण में मंदिर मे हजारों लोग प्रतिदिन जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। यहां पर जल चढ़ाने के लिए काशी ही नहीं वरन पूर्वांचल के आसपास के जिलों के लोग भी जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। इस महत्वपूर्ण मार्ग को इस तरह से सीवर का पाइप लाइन डालकर खुला छोड़ देना कहां तक उचित है।

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