हीट स्ट्रोक और तेज बुखार के हो रहे शिकार, जानिये क्या बरतें सावधानी
वाराणसी। गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। गर्मी के बीच यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी प्राभावित करता है। पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के साथ ही मौसमी फ्लू और संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। यहां तक कि अस्पतालों में कई तरह की बीमारियों से पीड़ित रोगियों की तादाद बढ़ने लगी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
इन बीमारियों का खतरा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शरीर में पानी और नमक की कमी होने की वजह से रक्त संचार में बाधा पहुंचती है जिसकी वजह से हीट स्ट्रोक की समस्या होती है। शरीर में तापमान का उतार-चढ़ाव सहन करने की पर्याप्त क्षमता होती है, लेकिन एक सीमा के बाद जब अत्यधिक गर्मी में रहते हैं तो शरीर वातावरण के मुताबिक अपने आपको संतुलित नहीं कर पाता है और हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है। इससे दिमाग व किडनी पर असर पड़ सकता है। शरीर में रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। आंखों में जलन हो सकती है। हृदय से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। मांसपेशियों में दिक्कत हो सकती है।
जानिये क्या बरतें सावधानी
सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि गर्मी के इस मौसम में हीट स्ट्रोक, डायरिया, उल्टी, पीलिया, टाइफाइड, वायरल फीवर, आँखो का लाल होना, त्वचा में जलन होना आदि तरह के बीमारियां होती है। इसका प्रतिकूल प्रभाव शरीर पर पड़ता है जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है। गर्म हवाओं या लू के प्रभाव के कारण शारीरिक कठिनाईयों से बचने के लिए जनहित में लोगों से अपील की है कि थोड़ी सी सावधानी को अपना कर इससे बचाव किया जा सकता है। सीएमओ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति में घमौरियां, मरोड़ व ऐंठन के मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी होना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, कभी कभी मूर्छा आना प्रमुख लक्षण नजर आए तो शीघ्र ही नजदीक के चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की सलाह लेकर उपचार कराएं।
एहतियात ही बचाव
सीएमओ ने कहा कि लोगों को घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलना चाहिए और थोड़े-थोड़े समय पर पानी पीते रहना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती। हल्के ढीले ढाले सूती वस्त्र पहने, ताकि शरीर तक हवा पहुंचे और पसीने को सोखकर शरीर को ठंडा रखे। शुद्ध व ताजा भोजन का प्रयोग करने के अलावा भोजन बनने के तीन घंटे बाद बचे हुए भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बाजार में खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। पूरे शरीर को ढककर ही घर से निकले इसके साथ ही धूप के चश्मे का प्रयोग करें। इसके अलावा एल्कोहल, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक आदि का उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करता है।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।