ज्ञानवापी केस में सुनवाई टली, हिंदू पक्षकार को शामिल करने पर सुनवाई अगले हफ्ते
इस मामले में फरवरी में लोअर कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश के तहत ज्ञानवापी में उर्स आयोजित करने और अदृश्य मजार पर चादर चढ़ाने की अनुमति देने की मांग पर हिंदू पक्षकारों को तीसरे पक्ष के रूप में शामिल करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार अहमद ने सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दायर की थी।
सुनवाई के दौरान नंद लाल पटेल ने बहस करते हुए कहा कि लोअर कोर्ट ने इस मामले में बहुत संक्षिप्त तरीके से आदेश दिया है और जिन लोगों को पक्षकार बनाया गया है, उनके पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इसके अलावा, इन लोगों के बारे में कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।
दूसरी ओर, निगरानी कर्ता ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित तीन दृश्य मजारों और अदृश्य मजार पर चादर चढ़ाने, फातिमा पढ़ने और वार्षिक उर्स के आयोजन की परंपरा लंबे समय से चलती आ रही है। इस मामले में पक्षकारों को शामिल करने का आवेदन केवल मुकदमे को लंबित करने के लिए दायर किया गया है।
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