‘हेपेटाइटिस बी’ संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
वाराणसी। स्वास्थ्य विभाग ने ‘हेपेटाइटिस बी’ संक्रमण की रोकथाम को लेकर अलर्ट जारी किया है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने जनपदवासियों से अपील की है कि जिन चिकित्सा इकाइयों चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र की, वहां हो रहे प्रसव के 24 घंटे के अंदर नवजात शिशु को 'हेपेटाइटिस बी’ की एक डोज अवश्य लगवाएं, क्योंकि यह आपके शिशु को 'हेपेटाइटिस बी’ संक्रमण से बचाएगी। टीकाकरण बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है। इसके लिए माता-पिता को सतर्क व जागरूक रहना चाहिए।
सीएमओ ने कहा कि 'हेपेटाइटिस बी’ दिखाई न देने वाली बीमारी है जो कि धीरे-धीरे हमारे यकृत (लिवर) को खराब करती है। यह बीमारी एक बार यदि किसी को हो जाती है तो वह उम्र भर संक्रमित रहता है एवं दूसरों को भी प्रभावित करता है। यह संक्रमण रक्त, लार, योनि तरल पदार्थ और वीर्य जैसे संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैल सकता है। यह मां से उसके बच्चे में भी फैल सकता है। 'हेपेटाइटिस बी’ के टीके से इसको सुरक्षित और प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है। यह वायरस के खिलाफ लगभग सौ प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एके मौर्य ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है तो उसे हेपेटाइटिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। हेपेटाइटिस बी से संक्रमित अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग लक्षण पाए जाते हैं। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति की आंखें पीली हो जाती हैं। पेट में दर्द होने लगता है और पेशाब का रंग गहरा हो जाता है। कई लोगों में हेपेटाइटिस बी के लक्षण नहीं दिखते हैं। खासकर के बच्चों में अगर इसका संक्रमण है तो पता लगाना काफी मुश्किल होता है। अगर यह बीमारी लंबे समय तक रहती है तो लिवर काम करना बंद कर देता है और कैंसर या घाव हो जाता है।
डॉ. मौर्य ने कहा- 'हेपेटाइटिस बी’ को टीके से रोका जा सकता है। सभी शिशुओं को जन्म के बाद जितनी जल्दी हो सके (24 घंटे के भीतर) 'हेपेटाइटिस बी’ का टीका लगवाना चाहिए। इसके बाद कम से कम चार सप्ताह के अंतराल पर 'हेपेटाइटिस बी’ के टीके की दो या तीन खुराक दी जाती हैं।
'हेपेटाइटिस बी’ होने या फैलने के जोखिम को कम करने के उपाय:
कंडोम का उपयोग करें और यौन साझेदारों की संख्या कम करके सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।
नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने, छेदने या गोदने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुइयों या किसी भी उपकरण को साझा करने से बचना चाहिए।
रक्त, शरीर के तरल पदार्थ या दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए।
यदि स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे हैं तो हेपेटाइटिस बी का टीका साल में एक बार लगवाना चाहिए।
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