गंगा का जलस्तर घटा, घाटों पर जमा मिट्टी और दलदल से मुश्किलें बरकरार, आवागमन में लोगों को कठिनाइयां
वाराणसी। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है, लेकिन घाटों पर लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंगा का पानी अब घाटों से काफी नीचे जा चुका है, लेकिन घाटों पर अभी भी भारी मात्रा में मिट्टी और दलदल जमा है, जिससे घाटों का आपस में संपर्क बहाल नहीं हो पाया है। घाटों के किनारे इतनी दलदली स्थिति है कि लोग उसमें फंस सकते हैं। गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह 8 बजे तक 66 मीटर रहा, जो कि चेतावनी बिंदु से 4 मीटर नीचे है. जलस्तर लगातार घटाव पर है।
गंगा आरती फिलहाल दशाश्वमेध घाट के ऊपरी हिस्से में हो रही है, क्योंकि घाटों पर आने-जाने का रास्ता अभी तक सुचारू रूप से नहीं बन सका है। वहीं, मणिकर्णिका घाट पर गंगा का जलस्तर घटने के कारण शव दाह नीचे की ओर हो रहा है, लेकिन वहां भी जमा मिट्टी और दलदल के कारण कठिनाइयां बनी हुई हैं।
बीते चार दिनों से बनारस में लगातार बारिश हो रही है। रविवार को भी दिनभर बारिश होती रही और रात के समय मौसम फिर से नम हो गया, जिससे अचानक बारिश शुरू हो गई। इससे घाटों की दलदली स्थिति और खराब हो गई है।
पितृ पक्ष के चलते घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, जो अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान कर रहे हैं। बाहर से आए तीर्थयात्री घाटों पर बैठकर श्रद्धापूर्वक तर्पण और पिंडदान कर रहे हैं, जिससे घाटों पर भीड़ लगातार बढ़ रही है। पिशाचमोचन तीर्थ पर भी त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। यहां श्राद्ध करने के बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं, खासकर गया (बिहार) के लिए।
अभी भी घाटों पर जमा मिट्टी और दलदल की वजह से स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है, लेकिन तीर्थयात्रियों की श्रद्धा और आस्था में कोई कमी नहीं आई है, और वे लगातार घाटों पर अपनी परंपराओं का पालन कर रहे हैं।
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