वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी
वाराणसी। गंगा में सोमवार को जलस्तर में प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, फाफामऊ और मिर्जापुर में भी जलस्तर में कमी का रुझान देखा गया है, जिसके चलते अगले 24 घंटों में जलस्तर में और तेजी से कमी होने की संभावना है। हालांकि, तटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों में गंगा के जलस्तर में दोबारा वृद्धि की आशंका बनी हुई है, क्योंकि पिछले दिनों भी जलस्तर घटने के बाद फिर से बढ़ोतरी देखी गई थी।

सोमवार रात 8 बजे राजघाट गेज पर गंगा का जलस्तर 69.72 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 70.262 मीटर और चेतावनी बिंदु 71.262 मीटर है। गंगा में जलस्तर कम होने के बावजूद अस्सी से नमो घाट तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी जमा है। इन क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा है और घाटों पर होने वाले दैनिक कार्य पूरी तरह ठप हैं। सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर दशाश्वमेध और आसपास के घाटों पर कांवरियों की भीड़ देखी गई। उनकी सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की टीमें गश्त कर रही हैं और लोगों को सतर्क कर रही हैं।

रमना टिकरी क्षेत्र में सब्जियों सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि खेत पानी में डूब गए हैं। सिंचाई विभाग द्वारा ज्ञान प्रवाह नाले की निरंतर निगरानी की जा रही है और रिस रहे पानी को निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं।

रोहनिया विधायक ने किया निरीक्षण
रोहनिया विधायक डॉ. सुनील पटेल ने सोमवार को सामने घाट, छित्तुपुर, और मारुति नगर जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सामने घाट पर लगे ऑटोमेटिक गेट के कारण हो रहे जलजमाव को रोकने के लिए इसे मैनुअल करने का निर्देश दिया। इस दौरान क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पटेल, क्षेत्रीय पार्षद प्रतिनिधि महेंद्र पटेल, मानस कुमार सिंह, अमित पटेल, और आदर्श पटेल भी मौजूद रहे। जलस्तर में कमी के बावजूद तटवर्ती इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राहत कार्यों को तेज करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।


