कमिश्नरी सभागार में हुई एफपीओ की कार्यशाला, संचालकों को निर्यात के फायदे बताए
वाराणसी। आत्मनिर्भर कृषक विकास योजना के तहत मंडलायुक्त सभागार में किसान उत्पादक संगठकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कृषि विभाग के अधिकारियों सहित अपीडा और भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने किसान उत्पादक संगठनों को अपने बेहतर उत्पादों को निर्यात से होने वाले फायदे बताए। साथ ही उन्हें व्यावसायीकरण के लिए प्रेरित किया।
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि पूर्वांचल की सब्जियों सहित यहां के अन्न काफी उन्नत किस्म के होते हैं। इनकी विदेश में काफी डिमांड रहती है। संगठकों के माध्यम से निर्यात करके किसानों कि आय को बढ़ाया जा सकता है वहीं एफपीओ पर भी किसानों का भरोसा बढ़ा है। संयुक्त कृषि आयुक्त एसएन दुबे ने बताया कि एफपीओ के सशक्तीकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया कि विदेश में कृषि उत्पाद के निर्यात और इकाई लगाने पर सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। 2.5 करोड़ लागत की इकाई लगाने पर 25 लाख तक सब्सिडी मिलती है। इसको लेकर किसान उत्पादक संगठनों के संचालकों को प्रेरित किया गया।
जिला कृषि अधिकारी संगम पांडेय ने किसान सम्मान निधि योजना के बारे में जानकारी दी। बताया कि जिले में इस समय 2.40 लाख किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। यह सरकार की काफी अच्छी योजना है। इसको लेकर किसानों में खासा उत्साह रहता है। उन्हें खाद, बीज खरीदने और कृषि संबंधी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए धनराशि मिल जाती है। नमामि गंगे फार्मा प्रोड्यूसर कंपनी के डायरेक्टर कैलाश सिंह ने कहा कि निर्यात व बीज उत्पादन आदि को लेकर हमसभी को जानकारी दी गई। इस पर अमल करते हुए हम अपनाएंगे और निर्यात को बढ़ाएंगे।
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