नौकरी के नाम पर ऐंठे पैसे, वापस मांगने पर दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकी, महिला सिपाही समेत चार पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश
प्रकरण के अनुसार परसीपुर, जंसा निवासी सुहेल शाह ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल के जरिए अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि उसके पड़ोस में चांद बीबी नामक एक महिला सिपाही रहती थी। जो देवरिया जनपद में तैनात है। बातचीत के दौरान चांद बीबी ने वादी सुहेल शाह से पुलिस अधिकारियों से परिचय होने का हवाला देकर पुलिस विभाग में 6 लाख रुपए देने पर उसकी नौकरी लगवाने की बात कही। उसके झांसे में आकर सुहेल शाह ने तीन लाख रुपए नगद व दो लाख रुपए चांद बीबी के कहने पर उसके भाई मोहम्मद महमूद उर्फ नूरी के खाते में 1.40 लाख रूपए तथा उसके बहन तमन्ना उर्फ तसनीम के खाते में 60 हजार रूपए ट्रांसफर कर दिया।
इसके बाद चांद बीबी कुछ दिनों में नौकरी लग जाने की बात कहकर अपने तैनाती स्थल देवरिया चली गई। जब कुछ दिनों बाद वह वापस लौटी तो वादी ने उससे पूछा तो उसने कहा कि कुछ दिनों में नौकरी लग जायेगी और तुम्हारा निकाह भी अपनी छोटी बहन तमन्ना से करवा दूंगी, लेकिन तुम्हे तीन लाख रुपए की और व्यवस्था करनी होगी। कुछ दिनों बाद जब वादी ने चांद बीबी से नौकरी व निकाह के लिए कहा तो वह उग्र हो गई हो उसे अपने बहन के साथ दुष्कर्म करने के फर्जी आरोप में जेल भिजवाने की धमकी देने लगी। इस पर उसने जब अपना पैसा वापस मांगा तो उसकी बहन तमन्ना ने लालपुर-पांडेयपुर थाने पर झूठी शिकायत कर दी।
थाने पर सारी बात बताने पर वहां हुए लिखित समझौते में चांद बीबी ने अपनी बहन का निकाह 26 जनवरी 2024 को उसके साथ करवाने व सारे विवाद समाप्त करने का सुलहनामा किया, लेकिन जब शादी का दिन आया तो चांद बीबी, उसके भाई मो. महमूद, बहन तमन्ना व मां मोमिना बेगम ने बिना पांच लाख रुपए दिए शादी करवाने से इंकार कर दिया। जिससे उसकी समाज में बहुत बेइज्जती हुई। इसकी शिकायत पुलिस से करने पर जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया तो उसने अदालत की शरण ली।
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