वेद मंत्रों के बीच विधि विधान से शुरू हुआ प्राचीन श्री सिद्धिविनायक का पांच दिवसीय वार्षिकोत्सव

वाराणसी। गऊमठ गड़वासी टोला, मणिकर्णिका घाट के तट पर स्थित पंचक्रोशी प्रमुख काशी खंडोक्त प्राचीन श्री श्री 1008 श्री सिद्धिविनायक जी महाराज के 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले पांच दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ वेद मंत्र व अनुष्ठान के बीच हुआ।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के मान विधान के तहत सोमवार को सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में महंत पंडित राजेंद्र कुमार शर्मा दीपू गुरु द्वारा श्री सिद्धिविनायक महाराज का पंचामृत स्नान, सिंदूर अर्पण कर, नवीन वस्त्र धारण कराते हुए मनमोहक श्रृंगार महाआरती उतारी गई। तत्पश्चात विद्वान ब्राह्मणों द्वारा अथर्वशीर्ष का पाठ संपन्न कराया गया, मध्यान में सहस्त्र मोदक से हवन कराया गया तथा सवामणि का भोग लगाया गया।
इस मौके पर पूरे मंदिर को रंग-बिरंगे विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया। पांच दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के प्रथम दिन सांयकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम में सितार वादन भी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर मंदिर के प्रबंधक पंडित गोपाल शर्मा, महंत राजेंद्र शर्मा, नित्यानंद शर्मा, ज्ञानेश्वर शर्मा, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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