काशी द्वार के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान लामबंद, बोले, सरकार हड़प रही हमारी बहुफसली जमीन, करेंगे आमरण अनशन
वाराणसी। पिंडरा विधानसभा में काशी द्वार के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान लामबंद हो गए हैं। लगभग आधा दर्जन गांवों के दर्जनों किसान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान सरकार पर बहुफसली जमीन हड़पने का आरोप लगाया। चेताया कि यदि उनकी जमीन जबरन लेने की कोशिश की गई तो आमरण अनशन करने को विवश होंगे। किसानों ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित पत्रक सौंपा।
पिंडरा विधानसभा में काशी द्वार बनाने की योजना है। इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की योजना है। हालांकि किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। आरोप लगाया कि प्रशासन जबरन जमीन अधिग्रहण करना चाहता है। कांग्रेसजनों ने किसानों को अपना समर्थन दिया। किसान गंगाराम शास्त्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एयरपोर्ट के पास काशी द्वार बनाने के लिए 10 गांवों की जमीन हड़पना चाहती है। यह जमीन हमारी बहुफसली जमीन है। इससे ही हमारे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, लड़कियों की शादी समेत जीवनयापन की सभी जरूरतें पूरी होती हैं। यदि यह जमीन ले ली जाएगी तो हमारे सामने दो ही विकल्प है, कि हम लोग आत्महत्या करें अथवा कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमें किसी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए। जहां से वाराणसी की सीमा शुरू होती है, वहां प्रशासन क्यों नहीं द्वार बनाता है। वाराणसी की सीमा करखियांव और चंदौली से शुरू होती है। प्रशासन वहां द्वार बनवाए। पिंडरा में काशी द्वार बनाने का क्या औचित्य है। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक पर भी उदासीनता का आरोप लगाया।
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